
1857 में हà¥à¤ˆ आज़ादी की पहली लड़ाई की 150वीं वरà¥à¤·à¤—ाà¤à¤ इस वरà¥à¤· (2007) देश à¤à¤° में मनाई जा रही है। इस मौके पर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ संगà¥à¤°à¤¾à¤® के नेताजी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¥à¤® संगà¥à¤°à¤¾à¤® के देशà¤à¤•à¥à¤¤ नायक की सà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ में दिठगठइस दà¥à¤°à¥à¤²à¤ à¤à¤¾à¤·à¤£ को नेताजी के दिल के करीब की ज़à¥à¤¬à¤¾à¤ में पेश करते हà¥à¤ हमें खà¥à¤¶à¥€ हो रही है। “राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤¾à¤·à¤¾ के नाते काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸ ने हिनà¥à¤¦à¥€ (या हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€) को अपनाया, इससे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ का महतà¥à¤µ समापà¥à¤¤ हà¥à¤†” – इस उपलबà¥à¤§à¤¿ का शà¥à¤°à¥‡à¤¯ नेताजी महातà¥à¤®à¤¾ गाà¤à¤§à¥€ को देते हैं। यह à¤à¤¾à¤·à¤£ नेताजी ने समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ-कवि बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ ज़फ़र की मज़ार पर हà¥à¤ आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज की आनà¥à¤·à¥à¤ निक कवायद और जलसे में 11 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 1944 को दिया था। नेताजी की ‘बà¥à¤²à¤¡ बाथ’ नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा में यह संकलित है। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा पहले-पहल ‘आज़ाद हिनà¥à¤¦ सरकार’ के ‘पà¥à¤°à¥‡à¤¸, पà¥à¤°à¤•ाशन तथा पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° विà¤à¤¾à¤—’ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बरà¥à¤®à¤¾ से पà¥à¤°à¤•ाशित हà¥à¤ˆ थी तथा नेताजी जनà¥à¤®à¤¶à¤¤à¥€ के मौके पर, 1996 में, जयशà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤•ाशन ( 20 ठपà¥à¤°à¤¿à¤‚स गà¥à¤²à¤¾à¤® मोहमà¥à¤®à¤¦ रोड, कोलकाता – 700026) दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¨à¤°à¥à¤ªà¥à¤°à¤•ाशित की गई है। हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ व पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿: अफ़लातून।
छले साल सितमà¥à¤¬à¤° महीने में हमने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी की पहली जंग और इंकलाब के रहनà¥à¤®à¤¾ समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ की मज़ार पर आनà¥à¤·à¥à¤ निक कवायद का आयोजन किया था। पिछले साल हà¥à¤† जलसा à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी के लिठहो रहे संघरà¥à¤· के लिहाज से à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• था चूà¤à¤•ि आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज की टà¥à¤•ड़ियाठमौजूद थीं और जलसे में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शिरकत à¤à¥€ की थी। मैं उस जलसे को à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• क़रार दे रहा हूठचूà¤à¤•ि वह पहला मौका था जब हिनà¥à¤¦ की नई इनà¥à¤•लाबी फौज दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पहली इंकलाबी फौज के सेनापति को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दी गई। पिछले साल की कवायद में हम में से जो लोग à¤à¥€ शरीक थे उन लोगों ने समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ के काम को आगे बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और à¤à¤¾à¤°à¤¤ को बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ के जà¥à¤ से निजात दिलाने की क़सम ली थी। मà¥à¤à¥‡ इस बात की खà¥à¤¶à¥€ और फकà¥à¤° है कि उस कसम को आंशिक तौर पर पूरा करने में हमें कामयाबी मिली है। पिछले साल के जलसे में मौजूद जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° सैनिक इस वकà¥à¤¤ अगà¥à¤°à¤¿à¤® मोरà¥à¤šà¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¥‡ हà¥à¤ हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सरहद को पार कर आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज आज मातृà¤à¥‚मि की मिटà¥à¤Ÿà¥€ पर लड़ रही है।
इस साल के आयोजन के साथ यह असाधारण, शायद दैविय संयोग था कि समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ की पà¥à¤£à¥à¤¯ तिथि और ‘नेताजी सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹’ à¤à¤• साथ पड़े हैं। ‘नेताजी सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹’ के दौरान समूचे पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ में रहने वाले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ ने मà¥à¤•मà¥à¤®à¤¿à¤² आज़ादी हासिल करने तक अपनी लड़ाई जारी रखने का विधिवत संकलà¥à¤ª लिया है। यह दैविय संकेत है कि आज़ादी के जंग के पहले सेनापति की समाधि का सà¥à¤¥à¤² à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी की आखिरी जंग का मà¥à¤–à¥à¤¯ केनà¥à¤¦à¥à¤° है। इसी पवितà¥à¤° अडà¥à¤¡à¥‡ से हमारी अपनी मातृà¤à¥‚मि की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° है। आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज की आनà¥à¤·à¥à¤ निक कवायद में इसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पà¥à¤¨: जà¥à¤Ÿ कर हम अपने संकलà¥à¤ª की आंशिक पूरà¥à¤¤à¤¿ की खà¥à¤¶à¥€ महसूस करने के साथ-साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¥‚मि को अनचाहे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ से निजात दिलाने तक अनवरत संघरà¥à¤· के लिठकमर-कस कर तैयार हो रहे हैं।
यहाठ1857 के घटनाकà¥à¤°à¤® पर à¤à¤• नज़र डालना वाजिब होगा। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ इतिहासकारों ने 1857 की लड़ाई के बारे में यह दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर रखा है कि वह अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ फौज में सेवारत à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिकों का विदà¥à¤°à¥‹à¤¹-मातà¥à¤° था। हकीकत है कि वह à¤à¤• कौमी इनà¥à¤•लाब था जिसमें à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिकों के साथ-साथ नागरिकों ने à¤à¥€ शिरकत की थी। इस राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ जंग में कई राजा शरीक हà¥à¤ जबकि यह दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ रहा कि कई राजा खà¥à¤¦ को दरकिनार किठरहे। इस जंग के शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ दौर में कई फतह हà¥à¤ˆà¤‚, अनà¥à¤¤à¤¿à¤® दौर में ही बड़ी ताकत के बल पर हमें पराजित किया गया। किसी कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ की तवारीख़ में à¤à¤¸à¤¾ होना बिलकà¥à¤² असामानà¥à¤¯ नहीं है। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के इतिहास में यह मà¥à¤¶à¥à¤•िल से मिलेगा जब कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ पहले संघरà¥à¤· में ही कामयाब हो गयी हो। “आज़ादी की लड़ाई à¤à¤• बार आरमà¥à¤ होती है तो पà¥à¤¶à¥à¤¤-दर-पà¥à¤¶à¥à¤¤ चलती है”। बवकà¥à¤¤à¤¨ यदि इंकलाब नाकामयाब à¤à¥€ होता है या दबा दिया जाता है तब à¤à¥€ उसके कà¥à¤› सबक हासिल होते हैं। आगे आने वाली पीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤ इन सबक को लेकर अपनी लड़ाई जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ असरकारक तरीके से, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तैयारी के साथ फिर से खड़ी करती हैं। हम ने 1857 की नाकामयाबी से सबक लिया है और इस तजà¥à¤°à¥à¤¬à¥‡ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आज़ादी की इस आखिरी जंग में किया है।
यह सोचना à¤à¥‚ल होगी कि 1857 में à¤à¤• दिन अचानक लोगों ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के खिलाफ़ हथियार उठा लिà¤à¥¤ कोई à¤à¥€ कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ जलà¥à¤¦à¤¬à¤¾à¤œà¥€ में या अललटपà¥à¤ªà¥‚ तरीके से नहीं लायी जाती है। 1857 के हमारे रहनà¥à¤®à¤¾à¤“ं ने अपने तईं पूरी तैयारी की थी, लेकिन अफ़सोस कि वह परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं थी। उस पवितà¥à¤° यà¥à¤¦à¥à¤§ के à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नेता नाना साहब ने मदद और सहयोग हासिल करने के मक़सद से यà¥à¤°à¥‹à¤ª तक की यातà¥à¤°à¤¾ की थी। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¶ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस कोशिश में कामयाबी हासिल नहीं हà¥à¤ˆ और नतीजतन 1857 में जब कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ शà¥à¤°à¥ हà¥à¤ˆ, तब अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ का बाकी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से कोई à¤à¤—ड़ा नहीं था और वे अपनी पूरी ताकत और संसाधन हिनà¥à¤¦ के लोगों को कà¥à¤šà¤²à¤¨à¥‡ में लगा सके। मà¥à¤²à¥à¤• की à¤à¥€à¤¤à¤° जनता और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सैनिकों के बीच काबिले गौर होशियारी के साथ गà¥à¤ªà¥à¤¤ सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ कर दिये गये थे। इस वजह से संकेत होते ही देश के कई हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में à¤à¤• साथ लड़ाई शà¥à¤°à¥ हो सकी। फ़तह पर फ़तह हासिल होती गयी। उतà¥à¤¤à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ शहर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के चंगà¥à¤² से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो गये तथा उनमें इनà¥à¤•लाबी फौज ने जीत का परचम लहराया। अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के पहले चरण में हर जगह इनà¥à¤•लाब को कामयाबी मिली। दूसरे चरण में जब दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ का जवाबी हमला शà¥à¤°à¥ हà¥à¤† तब हमारे सैनिक टिक न सके। तब ही यह पता चला कि कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•ारियों ने à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ रणनीति नहीं बनाई थी तथा उस रणनीति के संचालन और समनà¥à¤µà¤¯ के लिठà¤à¤• गतिमान नेता का अà¤à¤¾à¤µ था। देश के कई à¤à¤¾à¤—ों के राजा निषà¥à¤•à¥à¤°à¥€à¤¯ और उदासीन रहे। बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ ने इस बाबत जयपà¥à¤°, जोधपà¥à¤°, बिकानेर, अलवर आदि के राजाओं को लिखा :
“मेरी पà¥à¤°à¤¬à¤² आरज़ू है कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ किसी à¤à¥€ कीमत पर, किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ à¤à¥€ उपायों से हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ से खदेड़ दिठजायें। मेरी उतà¥à¤•ट कामना है कि समूचा हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ आज़ाद हो। इस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से छेड़ा गठइनà¥à¤•लाबी यà¥à¤¦à¥à¤§ के माथे पर विजय का सेहरा तब तक बà¤à¤§ नहीं सकता जब तक à¤à¤¸à¤¾ कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सामने नहीं आता जो पूरी तहरीक की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ अपने कनà¥à¤§à¥‹à¤‚ पर ले सके, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संगठित कर सके तथा पूरी जनता को इस जागृति के दौरान राह दिखाये। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ को हटाने के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर राज करने की मेरी कोई तमनà¥à¤¨à¤¾ नहीं है। आप सà¤à¥€ अपनी मà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से तलवार खींच कर दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ को à¤à¤—ाने के लिठतैयार हो जायें तब मैं तमाम शाही-हकूक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजाओं के संघ के हक़ में छोड़ने के लिठतैयार हूà¤à¥¤”
यह ख़त बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ ने अपने हाथ से लिखा था। देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ और तà¥à¤¯à¤¾à¤— की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से सराबोर इस पतà¥à¤° को पà¥à¤•र हर आज़ादी-पसनà¥à¤¦ हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ का सिर पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा और अदब से à¤à¥à¤• जाà¤à¤—ा।
बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ बूà¥à¥‡ और कमजोर हो चà¥à¤•े थे और इसलिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगा कि खà¥à¤¦ इस जंग का संचालन करना उनके बूते के बाहर होगा। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने छ: सदसà¥à¤¯à¥€à¤¯ समिति गठित की जिसमें तीन सेनापति और तीन नागरिक-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ थे। इस समिति को पूरे अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ को संचालित करने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ दी गई। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किठगठतमाम पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ निषà¥à¤«à¤² रहे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ की पूरà¥à¤£ आजादी के लिठपरिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ परिपकà¥à¤µ नहीं हà¥à¤ˆ थीं।
à¤à¤• और तथà¥à¤¯ इस बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— नेता के इनà¥à¤•लाबी जज़à¥à¤¬à¥‡ और जोश का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• है। उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के बरेली शहर की दीवारों पर अंकित बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ का यह फ़रमान गौरतलब है :
” हमारी इस फौज में छोटे-बड़े का à¤à¥‡à¤¦ à¤à¥‚लकर बराबरी के आधार को नियम माना जाà¤à¤—ा चूà¤à¤•ि इस पाक जंग में तलवार चलाने वाला हर शकà¥à¤¸ समान रूप से पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥€ है। इसमें शामिल सà¤à¥€ लोग à¤à¤¾à¤ˆ-à¤à¤¾à¤ˆ हैं, उनमें अलग-अलग वरà¥à¤— नहीं होंगे। इसलिठमैं अपने सà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ कर रहा हूठजागो तथा दैवी आदेश और सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š दायितà¥à¤µ का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ करने के लिठरण à¤à¥‚मि में कूद पड़ो। “
मैंने इन तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का हवाला इसलिठदिया है ताकि आप यह जान सकें कि मौजूदा आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦ 1857 में पड़ चà¥à¤•ी थी। आज़ादी की इस आखिरी जंग में हमें 1857 की जंग और उसकी खामियों से सबक लेना होगा।
इस बार दैव-योग हमारे पकà¥à¤· में है। शतà¥à¤°à¥ कई मोरà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर जीवन-मृतà¥à¤¯à¥ के संघरà¥à¤· में उलà¤à¤¾ हà¥à¤† है। देश की जनता पूरी तरह जागृत है। आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज à¤à¤• अपराजेय शकà¥à¤¤à¤¿ है और उसके सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯ अपने राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ के साà¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ के लिठà¤à¤•ताबदà¥à¤§ हैं। पूरà¥à¤£ विजय हासिल करने तक चलने वाले इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के लिठहम à¤à¤• दूरगामी साà¤à¤¾ रणनीति से लैस हैं। हमारा आधार-अडà¥à¤¡à¤¾ अचà¥à¤›à¥€ तरह संगठित है और सबसे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ है कि अपना जौहर दिखाने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ के लिठहमारे पास बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ की यादें और मिसाल है। अंतिम विजय हमारी होगी इसमें कà¥à¤¯à¤¾ कोई शक रह जाता है?
जब मैं 1857 के घटनाकà¥à¤°à¤® का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करता हूठऔर कà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¿ के विफल हो जाने के बाद अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ढाये गठजà¥à¤²à¥à¤® और सितम को याद करता हूठतब मेरा खून खौल उठता है। अगर हम मरà¥à¤¦ हैं, तब 1857 और उसके बाद के वीरों पर अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ढाये गठजà¥à¤²à¥à¤® और बरà¥à¤¬à¤°à¤¤à¤¾ का पूरा बदला ले कर रहेंगे। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने निरà¥à¤¦à¥‹à¤· व आज़ादी पसनà¥à¤¦ हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का खून न सिरà¥à¤« यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान बहाया बलà¥à¤•ि उसके बाद à¤à¥€ अमानवीय अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इन अपराधों की कीमत चà¥à¤•ानी होगी। हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯, शतà¥à¤°à¥ से परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ घृणा नहीं करते। यदि आप चाहते हैं कि आपके देशवासी अतिमानवीय साहस और शौरà¥à¤¯ की ऊà¤à¤šà¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को छू सकें तब आपको उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ देश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® के साथ – साथ शतà¥à¤°à¥ से घृणा करना à¤à¥€ सिखाना होगा।
इसलिठमैं खून माà¤à¤—ता हूà¤à¥¤ शतà¥à¤°à¥ का खून ही उसके अपराधों का बदला चà¥à¤•ा सकता है। किनà¥à¤¤à¥ हम खून तब ही ले सकते हैं जब खून देने के लिठतैयार हों। इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में बहने वाला हमारे वीरों का खून ही हमारे किठपापों को धो डालेगा। हमारा आगामी कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® खून देने का है। हमारी आजादी की कीमत हमारे वीरों के खून की कीमत है। हमारे वीरों के खून, उनकी बहादà¥à¤°à¥€ और पराकà¥à¤°à¤® ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जनता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ आतताइयों और जà¥à¤²à¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बदला लेने की माà¤à¤— पूरा करना सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करेंगे।
वृदà¥à¤§ बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ ने पराजय के बाद इसी पैगमà¥à¤¬à¤°à¥€ अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤¦à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के साथ कहा था :
” गाजियों में à¤à¥€ रहेगी, जब तलक ईमान की,
तख़à¥à¤¤à¥‡ लनà¥à¤¦à¤¨ तक चलेगी, तेग हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ की। “
जय हिनà¥à¤¦
हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ व पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿: अफ़लातून


