
सी किताब पर अगर कमलेशà¥à¤µà¤° जैसे महारथी साहितà¥à¤¯à¤•ार का नाम उसके अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤• के रूप में हो, उसकी 2 करोड़ से अधिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ बिक चà¥à¤•ी हों, देश-विदेश की 55 à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में जिसका अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ हो चà¥à¤•ा हो, तो यह किताब किसी à¤à¥€ साहितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ को पढ़ने के लिठललचाà¤à¤—ी ही कि आखिर इस किताब में à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ चीजें कही गई हैं? पहली ही नज़र में à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है कि किताब में दम तो होना ही चाहिà¤à¥¤ पर, कà¤à¥€-कà¤à¥€ कà¥à¤› कयास ठीक से नहीं बैठपाते। बà¥à¤°à¤¾à¤œà¥€à¤²à¥€ लेखक पाओलो कोà¤à¤²à¥‹ की लिखी, हिनà¥à¤¦à¥€ में अनूदित किताब द अलà¥à¤•ेमिसà¥à¤Ÿ के बारे में कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही कहा जा सकता है।
जैसे कि किताब के टैग लाइन दिया गया है- अपने सपनों को साकार करने की à¤à¤• à¤à¤‚दà¥à¤°à¤œà¤¾à¤²à¤¿à¤• कहानी – समूची किताब संयोगों, चमतà¥à¤•ारों से पटी पड़ी है और इसमें अविशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯, कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• रासायनिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ बनाने की कला अंतत: सीख लेने के à¤à¤• कीमियागर और à¤à¤• छà¥à¤ªà¥‡ खजाने को खोजने में लगे à¤à¤• गड़रिठयà¥à¤µà¤• की कहानियाठहैं। किसी सà¥à¤–ांत नाटक की तरह कहानी के अंत में वह खजाना नायक को नाटकीय अंदाज में अपने ही ठौर पर दबा हà¥à¤† मिलता है, जिसे वह अपने सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ के आधार पर तमाम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में तलाशता फिर रहा था।
किताब में जगह-जगह ईशà¥à¤µà¤° पर आसà¥à¤¥à¤¾ बनाठरखने और अपनी चाहत, अपने सपनों को बनाठरखने के संदेश है। और, पà¥à¤°à¤¾à¤¯: à¤à¤• ही तरह की बात बार-बार, अलग-अलग तरीके से दोहराठगठहैं। जैसे कि –
“जब तà¥à¤® सचमà¥à¤š किसी चीज को पाना चाहते हो तो संपूरà¥à¤£ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में मदद के लिठतà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ लिठषडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° रचती हैâ€
तथा-
“जब तà¥à¤® पूरे दिल से किसी चीज को पाना चाहते हो तà¤à¥€ तà¥à¤® उस विशà¥à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ के सबसे नजदीक होते हो। और वह शकà¥à¤¤à¤¿ सदैव सकारातà¥à¤®à¤• होती है।â€
चमतà¥à¤•ारों-घटनाओं को किसà¥à¤¸à¤¾à¤—ोई अंदाज में कहने की कला के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प ही चंदà¥à¤°à¤•ांता संतति तथा हैरी पॉटर जैसी किताबें लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हà¥à¤, और शायद द अलà¥à¤•ेमिसà¥à¤Ÿ की लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ का कारण à¤à¥€ यही है।।
हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ के महारथी कमलेशà¥à¤µà¤° इस किताब का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ हेतॠकरने में à¤à¤²à¥‡ ही गचà¥à¤šà¤¾ खा गठहों, परंतॠअपने काम में वे पूरे सफल रहे हैं। कà¥à¤› विदेशी नामों को छोड़ कर आपको कहीं à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ नहीं होता कि आप कोई अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ पढ़ रहे हैं। à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ गतिमान है। पठनीयता, रहसà¥à¤¯-रोमांच अंत तक बना रहता है। इसके पà¥à¤°à¤•ाशक विसà¥à¤¡à¤® टà¥à¤°à¥€ ने किताब का कलेवर और कागज़ शानदार रखा है। पà¥à¤°à¥‚फ की अशà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤ नगणà¥à¤¯ सी हैं और टाइप सेट à¤à¤¸à¤¾ है कि पढ़ने में थकान महसूस नहीं होती है।
कà¥à¤² मिलाकर, अगर आप अपने बचपन के दिनों की किसी परीकथा को नà¤-सूफ़ियाना अंदाज में फिर से पढ़ना चाहते हों तो यह किताब किसी धूप à¤à¤°à¥€, छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ की दà¥à¤ªà¤¹à¤°à¥€ के लिठठीक है। परंतà¥, जैसा कि किताब में कई-कई बार दोहराया गया है, अगर आपका कोई सपना है, उसे पूरा करना है, तो इस किताब को पढ़कर समय बरबाद मत कीजिà¤à¥¤ बेहतर है कि आप अपने उस सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ को पूरा करने में लग जाà¤à¤à¥¤ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ आपके सपने को पूरा करने का षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° रचेंगी और आपका सपना सचमà¥à¤š पूरा होगा। आमीन!

