Month: February 2007
वाह वाह रामजी!
समसà¥à¤¯à¤¾ पूरà¥à¤¤à¤¿ निरंतर का à¤à¤¸à¤¾ सà¥à¤¤à¤‚ठहै जिसमें दिये हये चितà¥à¤° और शीरà¥à¤·à¤• पर à¤à¤• छोटी सी कविता लिखनी होती है। कविता जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बड़ी न हो तो अचà¥à¤›à¤¾, चार लाईना हो तो उतà¥à¤¤à¤®, हाइकू हो तो कà¥à¤¯à¤¾ कहनें! तो कà¥à¤¯à¤¾ आप तैयार हैं à¤à¤¾à¤— लेने के लिये?
जापानी हायकू का उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦
जापानी साहितà¥à¤¯ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विधा हायकू तीन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में लिखी जाने वाली कविता है। कà¥à¤² सतà¥à¤°à¤¹ अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में पूरà¥à¤£ अरà¥à¤¥ संपà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करना हायकू की कसौटी होती है। अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ ने हाल ही में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ डा.अंजलि देवधर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये मूल जापानी से अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में अनà¥à¤¦à¤¿à¤¤ 32 महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कवियों की 100 उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ हायकू कविताओं के हिंदी में उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤¾ और काफी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤
हासà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ के किंग: समीर लाल
मारà¥à¤š 2006 में इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥€ चिटà¥à¤ ाकारी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की और देखते ही देखते सबके मन को à¤à¤¾ गये। कविता, कà¥à¤‚डलियाà¤, तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ और मà¥à¤‚डलिया, सबमें इनकी सहज गति है। सहज, मनलà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨ गदà¥à¤¯ इनके लेखन का पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¤à¤¤à¥à¤µ है। कचà¥à¤šà¤¾ चिटà¥à¤ ा में इस बार बमारà¥à¤«à¤¼à¤¤ अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ à¤à¥‡à¤‚ट कीजिये उड़नतशà¥à¤¤à¤°à¥€ के लेखक समीरलाल से।
दो बूà¤à¤¦à¥‡à¤‚
पà¥à¥‡à¤‚ डॉ॰ जगदीश वà¥à¤¯à¥‹à¤® दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखित यह लघà¥à¤•था
लाल परी – à¤à¤¾à¤— 3
वातायन में आप पॠरहे हैं विशà¥à¤µ की पहली इंटरैकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ धारावाहिक कथा "लाल परी"। पिछले दो à¤à¤¾à¤—ों में नाटकियता थी और अरू और केडी की मसà¥à¤¤ चैट। इस à¤à¤¾à¤— के लिये लेखिका पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ ने इरादा बनाया कà¥à¤› अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤à¤¤à¤¾ लाने का। तो पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ कहानी का तीसरा à¤à¤¾à¤— और हमें ज़रूर बताईये कि इस कहानी का समापन किस तरह हो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कहानी के अगले à¤à¤¾à¤— में होगा इस रोचक कथा का पटाकà¥à¤·à¥‡à¤ªà¥¤