- "अगर आपके पास सोने की खदान है तो आप उसे किराये पर देंगे? जी नही खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ के लिठतà¥à¤°à¤‚त फावड़ा उठायेंगे।" –गौरव
- "कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का लोकतनà¥à¤¤à¥à¤° à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ राजनेताओ के यहाठगिरवी पड़ा है?" –जीतू
- "कà¥à¤¯à¤¾ विधान है, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के मंदिर में ही नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का बलातà¥à¤•ार। वो à¤à¥€ पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾!" – आशीष
- "अतीत गरीब की लà¥à¤—ाई हो गया, सब छेड रहे हैं।" –फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾
- "समय और परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤•ूल अपने को न बदल पाने के कारण बहà¥à¤¤ से धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ की जो (दà¥à¤°à¥)गति हो गयी है, वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान की न होने पाये।" –अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ सिंह
- "निठलà¥à¤²à¤¾ चिनà¥à¤¤à¤¨ à¤à¤• आकà¥à¤°à¥Œà¤¶ है विचारौं की आंधी का, à¤à¤• दà¥à¤µà¤‚द है सच और à¤à¥‚ठका, à¤à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है पà¥à¤¯à¤¾à¤° की, à¤à¤• तमनà¥à¤¨à¤¾ है आकाश छूने की, कà¥à¤› कहने की और कà¥à¤› अनकही छोड़ देने की" –तरूण