इये चरà¥à¤šà¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ करें हिनà¥à¤¦à¥€ के चिटà¥à¤ ा संसार से ही। खबर लिखे जाने तक हिंदी बà¥à¤²à¥‰à¤— जगत में निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित नये चिटà¥à¤ े जà¥à¥œà¥‡ हैं
- मेरा संसार – सालोकà¥à¤¯
- बस यूं ही – विपिन शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ
- शज़र बोलता है – शज़र
- लखनवी – अतà¥à¤² शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ
सà¤à¥€ नये साथियों का सà¥à¤µà¤¾à¤—त है हिंदी चिटà¥à¤ ा संसार में। आशा है कि इन साथियों का लिखना जारी रहेगा। चिटà¥à¤ ों की बात करें तो यह पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है कि लिखने की तीवà¥à¤°à¤¤à¤¾ में कà¥à¤› कमी सी आयी है। जो लोग लिख रहे हैं उन पर टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की मातà¥à¤°à¤¾ à¤à¥€ कम हà¥à¤¯à¥€ है। शायद लोगों की अपेकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ बढ़ी हैं तथा अब हर पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ पर वाह-वाह करने की आदत लोगों ने कम कर दी है।
बहरहाल चिटà¥à¤ ों के माहवार सफ़रनामे की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ चौपाल की बात से। अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® में अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ ने नवीं अनà¥à¤—ूंज के विषय “आशा ही जीवन है” का अवलोकनी चिटà¥à¤ ा सविसà¥à¤¤à¤¾à¤° लिखा। दसवीं अनà¥à¤—ूंज के लिये रवि रतलामी ने विषय दिया है –चिटà¥à¤ ी। चिटà¥à¤ ी पर चिटà¥à¤ ाकारों की कलम का जादू बिखरना शà¥à¤°à¥ हो गया है। अगर आप इसे पढ़ रहे हों तो चूकें मत तथा लिख डालें पतà¥à¤° अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर। अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® पर ही देवनागरी की विशिषà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ बताते हà¥à¤¯à¥‡ दो लेख अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ ने लिखे हैं। मधॠकिशà¥à¤µà¤° के दो लेखों का जिकà¥à¤° विनय ने किया। दोनों ही लेख पठनीय है। जीतेनà¥à¤¦à¥à¤° ने सूचना दी कि सनà¥à¤¤à¥‹à¤‚ और विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सूकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ संगà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¤ की हैं उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने। वे चाहते हैं कि और सà¤à¥€ लोग इस परियोजना का लाठले सकें।
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ उलेमाओं ने फतवा जारी किया कि किसी इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ देश मे सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ पर हमला इसà¥à¤²à¤¾à¤® की नज़र में हराम है। इस फतवे की विसंगतियों पर नज़र डाली रमण कौल ने, जिनके चिटà¥à¤ े के नये कलेवर पर à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ राय की दिलकश फोटो बस देखते ही रह जाने का मन करता है। (अनूप à¤à¤¾à¤ˆ, ये पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¤¾à¤à¥€ जी तक पहà¥à¤‚चने न दें, कहीं आपकी शामत न आ जायेः सं०)
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€ खà¥à¤¨à¥à¤¨à¤¸ निकालते हैं उन पतà¥à¤°à¤•ारों पर जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ की छोटी-छोटी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से खà¥à¤¶ होकर देश की पà¥à¤°à¤—ति का ढोल पीटने लगते हैं। वे आगे कहते हैं-
काश कोई पतà¥à¤°à¤•ार à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› लिखे, â€à¤…गर हर देसी, लालू और जयललिता समेत, इमानदार, मेहनती और सà¥à¤ªà¤° बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ हो जावे तो à¤à¥€ कम से कम 100 बरस लगेंगे इस उजडे चमन का हà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ के लिठऔर अमेरिका जैसे देशों (तथा) पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, चीन जैसे पडोसियों के चलते ये डेडलाईन à¤à¥€ मीट नही होगी! â€
सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€, जो कौम ईमानदार, मेहनती तथा बà¥à¤¦à¥à¤˜à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ होती है उसके लिये समय के पैमाने à¤à¥€ दूसरे होते हैं। १०० साल की फाइल को वो १० सालों में ‘जिप’ कर सकती है। वैसे सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€à¤œà¥€ ने घरफूंक तमाशा देखने का शौक à¤à¥€ पाल लिया है। फिर बताया कि मà¥à¤«à¥à¤¤ की सेवायें पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाली कंपनियां अब साथ में विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ का कचरा à¤à¥€ देंगी – मà¥à¤«à¥à¤¤ में, दान के बछड़े के दांत नहीं गिना करते à¤à¤ˆ!
कविता सागर में मà¥à¤¨à¥€à¤¶ ने कà¥à¤› कालजयी कवितायें और पà¥à¤°à¤•ाशित कीं। रवि ने हिंदी लिनकà¥à¤¸ की कहानी बतायी। बाल विवाह रोकने के लिये सामाजिक उदासीनता का जिकà¥à¤° à¤à¥€ किया। बाद में यह खबर मिली कि à¤à¤• महिला अधिकारी ने बाल विवाह के खिलाफ लोगों में जागरà¥à¤•ता पैदा करने की कोशिश की तो लोगों ने उसके हाथ काट डाले। समाचार पतà¥à¤° खबर को पà¥à¤°à¤•ाशित करने की करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ पूरà¥à¤¤à¤¿ करके बाकी जगह कैसे सहवाग का गिरेबां राइट ने पकड़ लिया था, इसकी जानकारी देने में मशगूल हो गये। यही पतà¥à¤°à¤•ारिता है बॉस, हम चिटà¥à¤ ाकार बस यूठही à¤à¤²à¥‡à¥¤
अपने जापानी मतà¥à¤¸à¥ à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ बी.à¤. हो गये और लगे कहानी सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की। परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के खतरों से आगाह करते हà¥à¤¯à¥‡ आशीष आंख के इलाज की जानकारी देते हैं। इंगà¥à¤²à¥ˆà¤‚ड के लोगों के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के बारे में आशीष का कहना है कि रसà¥à¤¸à¥€ जल गई à¤à¤‚ठनहीं गई। साथ ही पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी को खà¥à¤²à¤¾ पतà¥à¤° लिखकर देश के विकास के सूतà¥à¤° सà¥à¤à¤¾à¤¯à¥‡à¥¤
अगर कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर का अविषà¥à¤•ार कालिदास के समय हो जाता तो शायद हमें मेघदूत जैसा कावà¥à¤¯à¤—à¥à¤°à¤‚थ न मिलता कà¥à¤› यही कहना है विजय ठाकà¥à¤° का जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ आने की खà¥à¤¶à¥€ में à¤à¤• के बाद à¤à¤• लगातार तीन किसà¥à¤¸à¥‡ सà¥à¤¨à¤¾ गये मकान के बारे में ।
इस महीने सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ से लिखने वालों में à¤à¤• रहे तरà¥à¤£à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निठलà¥à¤²à¥‡ चिंतन की जनà¥à¤®à¤•थाबताई। अंदाज बरकरार रखते हà¥à¤¯à¥‡ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अनà¥à¤—ूंज के लिये पाती लिखी पà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥€ वूमेन के नाम। फिर बन गये मà¥à¤‚गेरीलाल। मà¥à¤‚गेरीलाल ने जहां हसीन सपने देखने शà¥à¤°à¥ किये वहां दौड़ा लिया पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने। फिर तो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हर कोई चोर नजर आने लगा। “शराबी” नामक फिलà¥à¤® में अमिताठबचà¥à¤šà¤¨ का किरदार नायिका के बारे में कहता है कि उसके à¤à¤• इस आंख से आंसू à¤à¤• उस आंख से। हर à¤à¤• की कीमत लाख-लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡à¥¤ à¤à¤¾à¤µà¥à¤• नाटकीय दृशà¥à¤¯ देखते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¤¸à¥‡ ही लखटकिया आंसू निरंतर गिरते हैं देबाशीष की आंखों से, तब à¤à¥€ इनकी आंखें देख ही लेती हैं जेनरिक गोरखधंधा। नेपाल से सालोकà¥à¤¯ पशà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर में चंदे के गोलमाल होने की जानकारी दे रहे हैं।
नई हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ अपने चिटà¥à¤ े की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ आशा जगाती है। इसके पहले वे खà¥à¤¶à¥€ को कà¥à¤› यूं परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ करती हैं-
खà¥à¤¶à¥€ à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ सफेद चादर है
जिसे ओà¥à¤¤à¥‡ ही
मैं अदृशà¥à¤¯ हो जाती हूà¤
उन तमाम ग़मों से
जो घात लगाये बैठे हैं
दबोच लेने को मà¥à¤à¥‡
अपने खूà¤à¤–ार पंजों में।
25 मई को तेईस साल पूरà¥à¤£ करने वाली मिकेला दानली अपने परिवार, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ योजना तथा अपनी चाची बनने की ख़à¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶ के बारे में बताती हैं। पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ ने लिखना शà¥à¤°à¥ किया और जूà¤à¤¨à¥‡ लगे उस सवाल से जिससे हर शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—र जूà¤à¤¤à¤¾ है – कà¥à¤¯à¤¾ लिखूं? महावीर शरà¥à¤®à¤¾ की यादों के नगमें शà¥à¤°à¥ हà¥à¤¯à¥‡ तो पिता ने à¤à¤¾à¤µà¥à¤• तथा पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• पतà¥à¤° à¤à¥‡à¤œà¤¾ पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को। इसी शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला मेंससà¥à¤°à¤¾à¤² से à¤à¥€ चिटà¥à¤ ी आती है तथा अंतत: ससà¥à¤°à¤¾à¤² ले जाती है।
à¤à¤—वान को किस रूप में देखती हैं मानसी, जानें। सपनों की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ के लिये परेशान जीतेनà¥à¤¦à¥à¤° कंडोम के जà¥à¤—ाड़ू इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में लग गये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उमेश शरà¥à¤®à¤¾ की कविता अहले वतन à¤à¥€ पढवाई हम लोगों को। रति सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने कवितायें पिहरन तथा दीवारें लिखीं-
तà¥à¤® आà¤
à¤à¤• दीवार बन
तमाम खतरों का
सामना करने के लियेधूप चमकी
मैं घिर गई दीवारों सेतà¥à¤® उड़ गये कà¤à¥€ के
à¤à¤¾à¤ª बन
खतरे दीवारों के à¤à¥€à¤¤à¤° आ गये
इस महीने संà¤à¤µà¤¤à¤ƒ सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• तथा रोचक पोसà¥à¤Ÿ लिखीं अतà¥à¤² ने। à¤à¥ˆà¤‚स के दरà¥à¤¦ से बात शà¥à¤°à¥ की, फोटो सेवाओं को जम के दà¥à¤¹à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡‘विश लिसà¥à¤Ÿ’ बनायी। शंकरजी से गांव वालों की बातचीत पढ़कर लगा कि à¤à¤—वान à¤à¥€ मजबूत शेयर पर दांव लगाते हैं। लोग पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ कर रहे थे à¤à¥ˆà¤‚स के दरà¥à¤¦ की कहानी सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के लिये पर अतà¥à¤² फूट लिये बांके बिहारी को ‘गो कारà¥à¤Ÿ’ की सैर कराने। लौटे तो राजा का बाजा बजाने लगे। किसà¥à¤¸à¤¾-à¤-बारात रोचक रहा, पर यह à¤à¥€ पता चलता है कैसे अतà¥à¤² कामचोरी करते हैं तथा कहीं से à¤à¥€ पतà¥à¤° न लगती कहानी पर अनà¥à¤—ूंज का ठपà¥à¤ªà¤¾ लगा देते हैं।
पंकज ने बड़े दिनों के बाद तीन मूली के पराठे खा कर दो पोसà¥à¤Ÿ लिखी, देबाशीष के टैग वाले लेख की आगे की कड़ी के रूप में टैग की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से रूबरू कराया। विनय बता रहे हैं कि जब तक हम अपने गिरेबां में à¤à¤¾à¤‚ककर अपनी सेवाओं का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° अपने लोगों तक नहीं करेंगे तथा सेवा की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ में में सà¥à¤§à¤¾à¤° नहीं लायेंगे तब तक हमारा à¤à¤²à¤¾ नहीं होगा।
à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤ˆ दà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ में दिखे जब बात आयी आपरेटिंग सिसà¥à¤Ÿà¤® खरीदने की। इसे वे बà¥à¤¦à¥à¤˜à¤¤à¥à¤µ तक पहà¥à¤‚चा कर चिंता मà¥à¤•à¥à¤¤ हो गये। बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® में रà¥à¤šà¤¿ रखने वाले हेमंत पंचतंतà¥à¤°à¤¨à¥à¤®à¤¾ लघà¥à¤•थायें सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤¯à¥‡ बताते हैं-
“घोड़ा जब दौड़ने को ततà¥à¤ªà¤° हो तो चाबà¥à¤• की छाया à¤à¥€ काम कर जाती है”
ठेलà¥à¤¹à¤ˆ की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के बारे में बताते हà¥à¤¯à¥‡ फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ पहà¥à¤‚च गये अपने यार की बारात में जहां दूलà¥à¤¹à¤¾ नजर आया उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बांगड़ू कोलाज-
पर बारात का केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ ततà¥à¤µ तो दूलà¥à¤¹à¤¾ होता है। जब मैं किसी दूलà¥à¤¹à¥‡ को देखता हूं तो लगता है कि आठ-दस शताबà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सिमटकर समा गयीं हों दूलà¥à¤¹à¥‡ में। दिगà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¯ के लिये निकले बारहवीं सदी के किसी योदà¥à¤§à¤¾ की तरह घोड़े पर सवार। कमर में तलवार, किसी मà¥à¤—लिया राजकà¥à¤®à¤¾à¤° की तरह मसà¥à¤¤à¤• पर सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ ताज (मौर), आंखों के आगे बà¥à¤°à¤•ेनà¥à¤®à¤¾ फूलों की लड़ी – जिससे यह पता लगाना मà¥à¤¶à¥à¤•िल कि घोड़े पर सवार शखà¥à¤¸ रजिया सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ हैं या वीर शिवाजी, पैरों में बिचà¥à¤›à¥‚ के डंकनà¥à¤®à¤¾ नà¥à¤•ीलापन लिये राजपूती जूते और इकà¥à¤•ीसवीं सदी के डिजायनर सूट के कपड़े की बनी वाजिदअलीशाह के समय की पोशाक। गोद में कंगारूनà¥à¤®à¤¾ बचà¥à¤šà¤¾ (सहबोला) दबाये दूलà¥à¤¹à¥‡ की छवि देखकर लगता है कि कोई सजीव ‘बांगड़ू कोलाज’ चला आ रहा है।
अब कà¥à¤› बात अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ चिटà¥à¤ ों की। हथियारों की होड़ में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ पागलों की तरह दौड़ रही है। जितना हम इस पागलपन से बचेंगे, विकास के रासà¥à¤¤à¥‡ आसान होते जायेंगे बताते हैं अतानॠडे। अपने मितà¥à¤° के नवजात शिशॠको दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आने पर शà¥à¤à¤•ामना संदेश के बहाने वे अपने आपको पहचानने की बात कहते हैं। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ बताते हà¥à¤¯à¥‡ गौतम घोष इनà¥à¤«à¥‹à¤¸à¤¿à¤¸ की कà¥à¤² मानव संपदा के बारे में जानकारी देते हैं। हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ से चलने वाली कार के बारे में जानकारी देते हà¥à¤¯à¥‡ मनमोहनी सरकार के à¤à¤• साल पूरा करने पर खà¥à¤¦ को 6/10 नंबर देने पर अपना दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•ोण बता रहे हैं इंदà¥à¤° शरà¥à¤®à¤¾à¥¤
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की पूजा करनी हो तो चलिये सेपिया के बà¥à¤²à¥‰à¤— पर। नेताजी सà¥à¤à¤¾à¤· चनà¥à¤¦à¥à¤° बोस पर फिलà¥à¤® बनी नहीं कि विवाद शà¥à¤°à¥ हो गये बता रहे हैं अमरदीप। हेमनà¥à¤¤ अपनी मनपसंद किताब के हवाले से साफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त बता रहे हैं।
जो है और जो चाहते हैं के बीच दूरी हमेशा बनी रहती है कà¥à¤› यही बताती है यह कविता। किसी का लिखा पढ़कर बहà¥à¤¤ लोग सोचते हैं कि वे उससे बेहतर लिख सकते हैं। पर लिखना और सोचना अलग बातें हैं। अपनी सोच को जस का तस लिख पाना आसान तो नहीं होता। विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से जानना है इस तथà¥à¤¯ को तो ये लेख पढ़ें। सूचना तथा अनà¥à¤à¤µ के अंतर की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ करते हैं पà¥à¤°à¥‹.रमेश जैन जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने सकà¥à¤¶à¤² बचने का साल पूरा किया।
साफà¥à¤Ÿà¤µà¥‡à¤¯à¤° की शादी करा के सदगोपन जायजा लेते हैं मोनोबà¥à¤²à¥‰à¤—, गà¥à¤°à¥à¤ªà¤¬à¥à¤²à¥‰à¤— आदि का। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बà¥à¤²à¥‰à¤— मंडल की विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ वारà¥à¤¤à¤¾ का बà¥à¤¯à¥Œà¤°à¤¾ देखते हà¥à¤¯à¥‡ सोचते रहे कि हमारा चिटà¥à¤ ा जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ कब दिखेगा यहाà¤? बà¥à¤²à¥‰à¤—रों का जमावड़ा होगा तो खबर à¤à¥€ बनेगी। बंगलौर के बà¥à¤²à¥‰à¤—र देखिये यहां जिसके बारे में खबर है यहां इसी से तमाम दूसरी कड़ियां à¤à¥€ जà¥à¤¡à¤¼à¥€à¤‚ हैं।
बमà¥à¤¬à¤ˆ, बà¥à¤°à¤•ा, आइसकà¥à¤°à¥€à¤® à¤à¤• साथ देखनी हो तो आइये यजद की दà¥à¤•ान पर। आतंकवाद से कम खतरनाक नहीं है à¤à¤¡à¥â€Œà¤¸, कह रहे हैं नितिन पई। मारà¥à¤•ेट रिसरà¥à¤š का नजारा देखने का मन करे तो देखिये चारà¥à¤•ेसी की नजर से। कलकतà¥à¤¤à¥‡ का नजारा देखना हो, जलà¥à¤¦à¥€ में ढेर सारा देखना हो, मà¥à¤°à¥à¤—ा बिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ देखना हो, तो दीपक की शरण लें।
खà¥à¤¦à¤¾ की बनायी तितलियां कà¥à¤¯à¤¾ इतनी खूबसूरत होती हैं जितना नीलेश काकैमरा देखता है! डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥€ की पढ़ाई कितनी कठिन है जानिये इंजीनियर गौरव से। à¤à¤¸à¤¾ तमिलनाडॠमें ही होता है यह बात हो रही थी चाय के अडà¥à¤¡à¥‡ पर। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ कैसे खतà¥à¤® होगी ये तो रविकिरन ही बता सकते हैं।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार मेहरबान होने की सोच रही है बà¥à¤²à¥‰à¤—रों तथा नेट पर लिखने वालों पर यह बताते हà¥à¤¯à¥‡ दीना मेहता दिखा रही हैं गांव की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥¤ किरà¥à¤¬à¤¾ शंकर बता रहे हैं खूबसूरत तसà¥à¤µà¥€à¤° के बहाने बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का मतलब। इसके अलावा वे बताते हैं बà¥à¤²à¥‰à¤— से पैसा बनाने का तरीका तथा बंगलौर मैराथन का किसà¥à¤¸à¤¾à¥¤
आदमी की इजà¥à¤œà¤¤ करना à¤à¤—वान की पूजा करने के समान है यह मानना है अलका दà¥à¤µà¤¿à¤µà¥‡à¤¦à¥€ का। अपनी खà¥à¤¦ की साइट पर बà¥à¤²à¥‰à¤— कैसे शà¥à¤°à¥ किये जायें यह जानकारी चेतन से मिलती है। अमित वरà¥à¤®à¤¾ के बà¥à¤²à¥‰à¤— पर जानकारी मिली तमाम उन बà¥à¤²à¥‰à¤— पोसà¥à¤Ÿ की जिनको आप पढ़ना चाहेंगे। वे बताते हैं कि अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— में टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ किसलिये नहीं दी है उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने। पैटà¥à¤°à¤¿à¤• बताते हैं कà¥à¤› महिलाओं के लिखे बà¥à¤²à¥‰à¤— के बारे में जिनकी रà¥à¤šà¤¿ राजनीति में है।
अगले अंक में फिर होगी विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ बà¥à¤²à¥‰à¤—मंडल की, नये चिटà¥à¤ ों के ज़िकà¥à¤° के साथ। यदि आप अपने या किसी और के बà¥à¤²à¥‰à¤— की किसी खास पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ के बारे में बताना चाहें तो हमें patrikaa at gmail dot com पर चिटà¥à¤ े की सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ कड़ी यानि परà¥à¤®à¤¾à¤²à¤¿à¤‚क, अपने बारे में जानकारी के साथ संलगà¥à¤¨ कर अवशà¥à¤¯ à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚। अपने ईमेल के subject में chittha charcha ज़रूर लिखें। चिटà¥à¤ ा अगर हिनà¥à¤¦à¥€ या अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ के अलावा किसी और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤¾à¤·à¤¾ में लिखा है तो समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ करने में हमें और à¤à¥€ अधिक हरà¥à¤· होगा। हो सकता है निरंतर को उस à¤à¤¾à¤·à¤¾ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ न हो, à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में हो सके तो चिटà¥à¤ े की विषय वसà¥à¤¤à¥ से हमें ज़रूर अवगत करायें।

