
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ डॉ. परवेज आज आप जाने माने डॉकà¥à¤¯à¥à¤®à¥‡à¤‚टà¥à¤°à¥€ फ़िलà¥à¤® बनाने के रूप में जाने जाते हैं। सबसे पहले अपने बचपन और परिवार के बारे में कà¥à¤› बतायें।
परवेज़ः मैं अलीगॠमें बड़ा हà¥à¤† जो कि दिलà¥à¤²à¥€ से करीब 120 किमी दूर है, अलीगॠविशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के लिये पहचाना जाने वाला शहर है। सामानà¥à¤¯ मधà¥à¤¯à¤® वरà¥à¤— का परिवार था। बचपन में पà¥à¤¾à¤ˆ में मैं अचà¥à¤›à¤¾ नहीं था। ककà¥à¤·à¤¾ में मेरा अधिकतर समय ककà¥à¤·à¤¾ के बाहर खड़े रहने में निकलता था कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सजा बहà¥à¤¤ मिलती थी, और ककà¥à¤·à¤¾ के à¤à¥€à¤¤à¤° मैं अनà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पीछे छà¥à¤ªà¤¨à¥‡ की कोशिश करता रहता ताकि शिकà¥à¤·à¤•ों के सामने न पड़ जाउं, खासकर गणित तथा इतिहास के शिकà¥à¤·à¤•ों के सामने।
मेरे पिता अलीगॠविशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤²à¤¯ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ के पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° थे, अब रिटायर हो चà¥à¤•े हैं, और माठतो हमेशा से गृहणी ही रही हैं। दोनों से ही मà¥à¤à¥‡, चाहे मैं कà¥à¤› à¤à¥€ करूà¤, सदा सà¥à¤µà¥€à¤•ृति ही मिली। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ मà¥à¤ पर जोर नहीं डाला कि मैं अधिक पà¥à¥‚à¤, वगैरह। छठी से नौंवीं ककà¥à¤·à¤¾ तक हर वरà¥à¤· गणित में मà¥à¤à¥‡ सà¥à¤ªà¤²à¥€à¤®à¥ˆà¤‚टà¥à¤°à¥€ इमà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤¨ देना पड़ता था, तब à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ मà¥à¤ पर जोर नहीं डाला कि मैं अपना जीवन बदलूà¤, मà¥à¤à¥‡ उनसे सहारा ही मिला। इसका अरà¥à¤¥ यह होता कि माठमेरी बहनों और छोटे à¤à¤¾à¤ˆ के साथ गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में कहीं जाती, और मैं पिता के साथ घर में रहता, पिता जी मà¥à¤à¥‡ गणित पà¥à¤¾à¤¤à¥‡ ताकि मैं सपà¥à¤²à¥€à¤®à¥ˆà¤‚टà¥à¤°à¥€ इमà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤¨ पास कर सकूà¤à¥¤ पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कà¤à¥€ मà¥à¤à¤¸à¥‡ यह नहीं कहा कि खेलों में हिसà¥à¤¸à¤¾ न लो, वगैरह।
मेरे पिता, अनà¥à¤¯ बहà¥à¤¤ सी बातों में असमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ रहे हैं। जैसे कि हमें घर में कà¤à¥€ धरà¥à¤® की बातें नहीं बताई गईं। à¤à¤• बार की बात याद है कि विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में सरà¥à¤µà¥‡à¤•à¥à¤·à¤£ हो रहा था, शायद जनगणना की बात थी, और à¤à¤• शिकà¥à¤·à¤• ने छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को अपने धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के हिसाब से हाथ उठाने के लिये कहा। मैं तब छह या सात साल का था। मैंने किसी à¤à¥€ धरà¥à¤® के लिठहाथ ऊपर नहीं उठाया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मà¥à¤à¥‡ मालूम ही नहीं था कि मेरा धरà¥à¤® कà¥à¤¯à¤¾ था। जब कà¥à¤² छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के और विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ के नमà¥à¤¬à¤° आपस में नहीं मिले, तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दोबारा से वही सवाल किया। तीन बार गिनती की और तब मà¥à¤à¥‡ उस शिकà¥à¤·à¤• ने पकड़ लिया, और गणना करने वालों को बोले कि मैं ही वह बेवकूफ हूठजिसकी वजह से गलती हो रही थी और मà¥à¤à¤¸à¥‡ चिलà¥à¤²à¤¾ कर बोले कि “…आप मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हो, आप को मालूम नहीं?” उस दिन शाम को घर वापस जा कर मैंनें और मà¥à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤• साल छोटी बहन ने, पिता जी से पूछा कि यह मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ वाली कà¥à¤¯à¤¾ बात है? वह बोले कि मेरे शिकà¥à¤·à¤• ने ठीक नहीं कहा था और सच में हमारा कोई धरà¥à¤® नहीं है, बोले, जब आप लोग वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤• होगे तो आपको जो धरà¥à¤® अचà¥à¤›à¤¾ लगे वही ले लेना। अलीगॠजैसे छोटे से शहर में यह बहà¥à¤¤ बड़ी बात थी और मेरे कई मितà¥à¤° मà¥à¤à¥‡ छेड़ते थे कि मैं “नासà¥à¤¤à¤¿à¤•” या “कमà¥à¤¯à¥‚निसà¥à¤Ÿ” हूà¤, पर मà¥à¤à¥‡ इस बात पर गरà¥à¤µ होता था कि मैं अपना धरà¥à¤® खà¥à¤¦ चà¥à¤¨ सकता हूà¤à¥¤
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ अगर आप पà¥à¤¾à¤ˆ में कमज़ोर थे और पà¥à¤¨à¥‡ लिखने में मन नहीं लगता था तो आपने मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने की कैसे सोची और दाखिला मिला कैसे?
परवेज़ः हाईसà¥à¤•ूल में मेरी सेकंड डिविजन आई थी, पर साथ में मेरे पास खेलों के बहà¥à¤¤ सारे सरà¥à¤Ÿà¥€à¤«à¤¿à¤•ेट थे। मेरी à¤à¤• बड़ी कज़न थी, उन दिनों में उसका मà¥à¤ पर उसका बहà¥à¤¤ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ था। वह जीवविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤¾à¤¤à¥€ थीं, और शाम को घर के काम करते करते वह मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤¾à¤¤à¥€ थीं। जैसे कि रसोई में चपाती बनाते बनाते, वह मà¥à¤à¤¸à¥‡ जेनेटिकà¥à¤¸ या à¤à¤µà¥‹à¤²à¥à¤¯à¥‚शन की बातें करती, और मैं रसोई के दरवाजे पर खड़ा हो कर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ से सà¥à¤¨à¤¤à¤¾à¥¤ मेरी रà¥à¤šà¤¿ को देख कर वह अकà¥à¤¸à¤° कहती, “आपको जीवविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है, आप परिवार के पहले डाकà¥à¤Ÿà¤° बन सकते हो।”
जब हाई सà¥à¤•ूल के परिणाम निकले उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिनों में मेरी उस बहन का दà¥à¤˜à¤°à¥à¤Ÿà¤¨à¤¾ में देहांत हो गया। उसको सिर में चोट लगी थी और वह कोमा में चली गईं थीं। उसी रात उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मृत घोषित कर दिया गया। मà¥à¤à¥‡ लगा कि डाकà¥à¤Ÿà¤°à¥‹à¤‚ ने उनका ठीक से उपचार नहीं किया और शायद अगर उसे जलà¥à¤¦à¥€ ठीक उपचार मिल जाता तो वह बच जातीं। उनकी मौत का मà¥à¤ पर बहà¥à¤¤ असर पड़ा। कà¥à¤› महीने बाद जब मैं गà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¤°à¤µà¥€à¤‚ ककà¥à¤·à¤¾ में दाखिला लेने गया तो मैंने जीवविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का विषय चà¥à¤¨à¤¾à¥¤ पिता जी को बहà¥à¤¤ अचà¥à¤°à¤°à¤œ हà¥à¤†à¥¤ पूछने लगे कि कà¥à¤¯à¤¾ मैंने सोच समठकर यह निरà¥à¤£à¤¯ लिया था? हाà¤, मैंने कहा। हालाà¤à¤•ि नमà¥à¤¬à¤° कम थे पर साथ में खेल के सारà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¿à¤•ेट होने की वजह से खिलाड़ी कोटे में मà¥à¤à¥‡ दाखिला मिल गया।
उस वरà¥à¤· मैंने सब खेलकूद बंद कर दिया। साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®, बहस आदि में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेने लगा और गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹à¤µà¥€à¤‚ और बारहवीं के इमà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में फरà¥à¤¸à¥à¤Ÿ डिविजन लाया। फ़िर मैंने मेडिकल कॉलिज में दाखिला लेने की तैयारी शà¥à¤°à¥ कर दी। बिलà¥à¤•à¥à¤² किताबी कीड़ा बन गया। माठऔर पिता चिंतित हो गये। कई बार रात को पिता जी मेरे कमरे में आते और कहते कि अब पà¥à¤¨à¤¾ बस करो, सो जाओ, पर उनके जाने के बाद में फ़िर से बतà¥à¤¤à¥€ जला लेता और पà¥à¤¤à¤¾ रहता। मेडिकल कालिज में मà¥à¤à¥‡ जब दाखिला मिला तो सà¤à¥€ लोग चकित रह गये।
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ अचà¥à¤›à¤¾, यह बतायें कि आपने मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤• बनने की कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सोची और फ़िर अचानक चिकितà¥à¤¸à¤• से फ़िलà¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• कैसे बन गये?
परवेज़ः पहले सोचता था कि मैं बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का डाकà¥à¤Ÿà¤° बनूà¤à¤—ा, पर जब मेडिकल कालेज के आखिरी साल में मेरी पोसà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग मनोरोग विà¤à¤¾à¤— में हà¥à¤ˆ तो चिकितà¥à¤¸à¤¾ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का नया रूप देखा। अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ विà¤à¤¾à¤—ों में तो कà¥à¤²à¤¿à¤¨à¤¿à¤•ल या सरà¥à¤œà¤¿à¤•ल इलाज की बात होती थी। ये सब शारीरिक सà¥à¤¤à¤° तक ही सीमित थे, जबकि मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤¾ विचारों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की बात करती थी, कि कैसे विचारों का असर à¤à¥€ बीमारी बनाने और उसका इलाज करने पर होता है, यह बात मà¥à¤à¥‡ मà¥à¤à¥‡ अचà¥à¤›à¥€ लगा।
मानसिक रोग में विशेषजà¥à¤žà¤¤à¤¾ हासिल करने के बाद पहले मैंने राà¤à¤šà¥€ के मनोरोग असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² में काम करना शà¥à¤°à¥ किया। वहाठमनोरोग पीड़ित लोगों का हाल देखा देखा तो विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ नहीं हà¥à¤†à¥¤ यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सबसे पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मनोरोग संसà¥à¤¥à¤¾ मानी जाती थी और वहाठरोगियों का जीवन इस तरह का था जिसमें कैदखाने की मानसिकता अपनी कठोर निरà¥à¤®à¤®à¤¤à¤¾ के साथ दिखती थी। मà¥à¤à¥‡ धीरे धीरे समठआने लगा कि मानसिक रोगों के लिठकà¥à¤²à¤¿à¤¨à¤¿à¤• की चाहरदिवारी में बंद करके केवल दवा देने के अलावा à¤à¥€ और कà¥à¤› किया जा सकता है। मà¥à¤à¥‡ लगा कि मानसिक रोगों के बारे में बात करने की, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को इसके बारे में बताने की बहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤•ता है…कि इसमें समय लगेगा पर इससे मरीज़ों को, परिवार वालों को और अनà¥à¤¯ उपचार करà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सहायता मिलेगी।
पर मà¥à¤à¥‡ नहीं मालूम था कि यह कैसे किया जाये और मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ कर सकता हूà¤? मैंने कà¥à¤› मरीज़ों की बीमारी के बारे में उनकी “जीवनकथा” लिखना शà¥à¤°à¥ कर दिया। यह कहानियाठलिखना उस वातावरण में होने वाले मेरे अपने मानसिक तनाव को à¤à¥€ कम करता था। à¤à¤• बार à¤à¤• जीवनकथा को लिख कर मैंने उसे अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा इलसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿà¥‡à¤¡ वीकà¥à¤²à¥€ आफ इà¤à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ को à¤à¥‡à¤œà¤¾ तो उस पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• ने मà¥à¤à¥‡ उतà¥à¤¤à¤° में कहा कि वह उस तरह की अनà¥à¤¯ कहानियाठà¤à¥€ छापना चाहेंगे। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दिनों में मैंने राà¤à¤šà¥€ मानसिक रोग असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² को छोड़ने का निशà¥à¤šà¤¯ किया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मà¥à¤à¥‡ वहाठरहना बहà¥à¤¤ कठिन लग रहा था। लगता था कि वृहद समाज से बिलà¥à¤•à¥à¤² कट गया हूà¤à¥¤
मैंने दिलà¥à¤²à¥€ जाने का फैसला किया। मेरी छोटी बहन सेहबा तब दिलà¥à¤²à¥€ में मास कमà¥à¤¯à¥‚निकेशन का कोई कोरà¥à¤¸ कर रही थी और मैं उसके ही मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ घूमने लगा। à¤à¤• दिन किसी ने कहा कि लोग दूरदरà¥à¤¶à¤¨ के लिठविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के विषय पर होने वाले टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤‚ट नामक कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के लिठवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• विषयों पर पटकथा लेखक की तलाश कर रहे हैं तो मैं उस कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• से मिलने गया। उसने मà¥à¤à¤¸à¥‡ पूछा कि कà¥à¤¯à¤¾ मैं कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की पटकथा लिख सकता हूठतो मैंनें हाठकर दी। फ़िर और लोगों से बात कर, समठकर, कि पटकथा कैसे लिखी जाती है मैंने “आनà¥à¤µà¤‚शिकता और आनà¥à¤µà¤‚शिकी” (Heredity and Genetics) विषय पर पटकथा लिख कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दी।
उस निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• को वह पटकथा बहà¥à¤¤ पसंद आई। उसके आधार पर किसी ने à¤à¤• फ़िलà¥à¤® बनाई, पर मà¥à¤à¥‡ वह फ़िलà¥à¤® अचà¥à¤›à¥€ नहीं लगी और मैंने ज़ोर डाला कि उसका दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ संपादन किया जाये। बाद में उस निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• की बदली हो गयी और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ बà¥à¤²à¤¾ कर कहा कि मैं उनके लिठविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ संबधी अनà¥à¤¯ पटकथाà¤à¤ लिखूà¤à¥¤ तब मà¥à¤à¥‡ लगने लगा कि मैं फ़िलà¥à¤® बनाने के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में जा सकता हूठऔर साथ साथ अपना मनोचिकितà¥à¤¸à¤• का काम à¤à¥€ कर सकता हूà¤à¥¤ इससे मà¥à¤à¥‡ अपने अनà¥à¤¯ शौक जैसे फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€, संगीत आदि à¤à¥€ पूरे करने का मौका मिलेगा।
तकरीबन à¤à¤• साल बाद मैंने à¤à¤• अनà¥à¤¯ पटकथा लिखी पर मैंने उनसे कहा कि मैं सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही इस फ़िलà¥à¤® का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤¨ करना चाहता हूà¤à¥¤ वे कà¥à¤› हिचकिचाठपर मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपने नाटक, संगीत, फोटोगà¥à¤°à¤¾à¤«à¥€ आदि शौक के बारे में बताया तो वह फ़िर मान गये। वह मेरी पहली फ़िलà¥à¤® थी, चार मिनट की थी और विषय था “फोबिया” यानि डर।
निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ के पी मधॠने मà¥à¤à¥‡ उस फ़िलà¥à¤® का संपादन à¤à¥€ करने दिया। फ़िलà¥à¤® संपादन कैसे करते हैं, यह उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤à¥‡ सिखाया। बाद में हम दोनों मितà¥à¤° बन गये और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि वह सà¥à¤µà¤¯à¤‚ à¤à¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¤• थे और जब फ़िलà¥à¤® जगत में आये तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ मेहनत करनी पड़ी थी।
यह निरà¥à¤£à¤¯ कि मैं मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤¾ का कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° छोड़ दूठऔर अपना सारा समय फ़िलà¥à¤® बनाने को दूà¤, काफी समय बाद आया। à¤à¤• बार अपने अंकल से बात कर रहा था तो वह बोले कि मैं अगर अपना समय अपने फिलà¥à¤® बनाने के शौक को दे दूठऔर मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤¾ को शौक बना लूं तो शायद अधिक खà¥à¤¶ रह सकता हूà¤à¥¤ उनकी इस बात पर मैंने बहà¥à¤¤ सोचा और तब यह निरà¥à¤£à¤¯ लिया। 31 जनवरी 1995 को मैंने असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² का काम छोड़ दिया।
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ यानि कि अब आप मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤¾ का काम नहीं करते। अचà¥à¤›à¤¾ अब कà¥à¤› फ़िलà¥à¤® जगत में अपनी सफलता के बारे में बतायें।
परवेज़ः मà¥à¤à¥‡ सफलता मिली जब मैंने à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° फ़िलà¥à¤® बनाई “बिटवीन द लाइंस”। यह फ़िलà¥à¤® à¤à¤¾à¤°à¤¤ आने वाले बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में थी। इस फ़िलà¥à¤® को नयी दिलà¥à¤²à¥€ वीडियो फ़िलà¥à¤® फेसà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤² में “सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ फ़िलà¥à¤®” का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार à¤à¥€ मिला। फ़िलà¥à¤® सà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤œà¤¼à¤°à¤²à¥ˆà¤‚ड में मिटिल फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में à¤à¥€ à¤à¥‡à¤œà¥€ गयी जहाठयह पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार नामांकन तक पहà¥à¤à¤šà¥€à¥¤ इस फ़िलà¥à¤® को अनà¥à¤¯ कई फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में à¤à¥€ दिखाया गया।
तब मà¥à¤à¤®à¥‡à¤‚ आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ आ गया कि हाठमें अपनी फ़िलà¥à¤®à¥‹à¤‚ से अपनी बात कह सकता हूà¤à¥¤ अब मैं सचमà¥à¤š अपने विचारों पर फ़िलà¥à¤® बना सकता हूà¤à¥¤ तब से बहà¥à¤¤ सी फ़िलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाई हैं, कà¥à¤› वरà¥à¤· पहले मैंने मानसिक रोगों पर à¤à¥€ फ़िलà¥à¤®à¥‡à¤‚ बनाई हैं। बहà¥à¤¤ से फेसà¥à¤Ÿà¤¿à¤µà¤² में मेरी फ़िलà¥à¤®à¥‡à¤‚ गयीं हैं, कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार à¤à¥€ मिले हैं।
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ कà¥à¤¯à¤¾ मनोरोग चिकितà¥à¤¸à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में काम आता है?
परवेज़ः अचà¥à¤›à¥‡ फिलà¥à¤®à¤•ार और कथाकार दोनों में दरà¥à¤¶à¤• के मन की बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ समठहोना ज़रूरी है। मेरा मानना है कि मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की समठऔर अनà¥à¤à¤µ ने मà¥à¤à¥‡ यह जानने में मदद की है कि मैं अपनी फिलà¥à¤® में कौन सी बात किस पà¥à¤°à¤•ार कहूं ताकि दरà¥à¤¶à¤• मेरी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ समठसकें। अपने दरà¥à¤¶à¤•ों की सही पहचान पर ही फ़िलà¥à¤® का बजट, समय और निरà¥à¤®à¤¾à¤£ योजना निरà¥à¤à¤° रहती है। जहाठतक फिलà¥à¤® के विषय का सवाल है मैं हमेशा हर चीज़ को मानवीय दृषà¥à¤Ÿà¤•ोण से देखता हूà¤, विषयों में लोग और उनके नज़रिये की तलाश रहती है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मेरा यकीन है कि पृथà¥à¤µà¥€ पर रहने वाली हर चीज़ जीवन से जà¥à¥œà¥€ है।
सà¥à¤¨à¥€à¤²à¤ƒ वृतà¥à¤¤à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में नई तकनीक से कà¥à¤¯à¤¾ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के काम कà¥à¤› आसान हà¥à¤¯à¥‡ हैं?
परवेज़ः अचà¥à¤›à¥€ फिलà¥à¤® बनाने के लिये कोई शारà¥à¤Ÿà¤•ट नहीं हैं। मौलिक विचार होना ज़रूरी है। मà¥à¤à¥‡ पता होना चाहिये कि कà¥à¤¯à¤¾ कहना है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और किसे कहना है। इसी हिसà¥à¤¸à¥‡ पर अब à¤à¥€ सबसे ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय लगता है। मेरे काम में कमोबेश ससà¥à¤¤à¥€ और आसान तकनाजी का असर जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ होता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मैं इनमें पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर सकता हूं। इनसे मà¥à¤à¥‡ अपने किरदारों से समठबà¥à¤¾à¤¨à¥‡ और नज़दीक जाने में à¤à¥€ आसानी होती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये बड़े पैरों वाले टà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤ªà¥‰à¤¡ पर सवार à¤à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤°à¤•म काले कैमरों जैसे डरावने नहीं होते। चà¥à¤‚कि मैंने फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में कोई औपचारिक शिकà¥à¤·à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ नहीं की है अतः पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करता रहता हूà¤à¥¤


