अà¤à¥€ हाल ही में महिलाओं कि à¤à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा में हमने पà¥à¤¾ कि à¤à¤• हजरत, टी.वी. पर अपना फेवरिट कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® देखकर इतना हà¤à¤¸, इतना हà¤à¤¸à¥‡ कि उनके पà¥à¤°à¤¾à¤£ पखेरू ही उड़ गà¤à¥¤ बेचारे! वैसे उनके बेगम ने ठीक किया जो फौरन उस टी.वी केंदà¥à¤° को à¤à¤• शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ कर दिया कि "जनाब यूठमेरी जिंदगी तो सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ हो गई पर जो à¤à¥€ हो आपको धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ कहना अपना दिली फरà¥à¤œ मानती हà¥à¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आपके कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की बदौलत कम से कम मेरे शौहर हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ खà¥à¤¦à¤¾ को पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ हà¥à¤à¥¤"
अब काश, कि हमारी बीवी यह पà¥à¤¤à¥€ और सबक लेती। आप ही बताइठà¤à¤²à¤¾ हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ से किसी का कà¥à¤¯à¤¾ नà¥à¤•सान हो सकता है? पर हमारे यहाठकà¥à¤¯à¤¾ पतà¥à¤¨à¥€, कà¥à¤¯à¤¾ बचà¥à¤šà¥‡à¥¤ हमने जरा अपनी बतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ (फिलहाल न जाने कितनी बची हैं!) को कसरत कराई नहीं कि बस सà¤à¥€ हमें यूठघूरने लगते हैं जैसे पेटà¥à¤°à¥‹à¤² के दाम बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ ही वामपंथी दल मनमोहन सरकार को आà¤à¤–े तरेरता है। सà¤à¥€ हमारे इस गà¥à¤¡à¤µà¤¿à¤² जेसà¥à¤šà¤° को उतना ही गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ मानने लगे हैं जैसे करà¥à¤«à¥à¤¯à¥ के दौरान चहारदिवारी फाà¤à¤¦à¤•र बाहर आना। न जाने यह सिला किस जनम के करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का है! अवà¥à¤µà¤² तो घर वाले हमें किसी à¤à¥€ सेंसिटिव समारोह में ले जाना ही नही चाहते और जो सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¶ हमें परमिट मिल à¤à¥€ जाठतो वयसà¥à¤• बेटा और बेटी दोनों हमारी हà¤à¤¸à¥€ पर राशन लगा दिया करते हैं, हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ से पहले आà¤à¤–ों ही आà¤à¤–ों में सà¥à¤µà¥€à¤•ृति का मौन आवेदन करना पड़ता है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ (और खà¥à¤¦ हमें à¤à¥€) हमेशा यह खटका लगा रहता है कि हमारी हà¤à¤¸à¥€ किसी पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¬à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¡ जोन में न फूट पड़े और यदाकदा हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ के लिये हमें हरी à¤à¤‚डी जब दिखाई जाती तो अकà¥à¤¸à¤° हमारा मूड ही उचट चà¥à¤•ा होता है।
हमारी इस दयनीय सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का बेहतर जायजा लेने के लिठजरूरी है कि आपको हमारी सà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥€ का फà¥à¤²à¥ˆà¤¶ बैक बतलाया जाà¤à¥¤ दरअसल सà¥à¤•ूली दिनों में तो आज के ठीक विपरीत, हमारा "सेंस आफ हà¥à¤¯à¥‚मर" काफी पà¥à¤…र रेट किया जाता रहा। हमारे सहपाठी कोई à¤à¥€ "वन लाईनर लतीफा" (जैसे कि दो सरदारजी शतरंज खेल रहे थे) सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ के बाद हमारा चौखटा निहारते और इससे पहले कि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का इंडिया टी.वी.नà¥à¤®à¤¾ विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करके हम हà¤à¤¸à¥€ का सà¥à¤µà¤¿à¤š आन करते, ये जà¥à¤®à¤²à¤¾ à¤à¥€ जोड़ देते, "ये परसों हà¤à¤¸à¥‡à¤—ा"। इसके साथ ही छूटे ठहाकों के बीच हमारा मन तो जार जार आà¤à¤¸à¥‚ बहाने का हो आता। कà¤à¥€ गलती से हम यदि किसी चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¥‡ का अरà¥à¤¥ à¤à¤¾à¤à¤ªà¤•र हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ की कोशिश कर बैठते तो वही मितà¥à¤° कह उठता,"कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ परसों वाला मजाक अब समठआया!"
फिर उस दिन हमने सीरियसली विचार किया कि आखिर किस खेत कि मूली है ये हासà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ जो मरदूत हमारे à¤à¥‡à¤œà¥‡ में आयकर नीतियों कि तरह उतरना ही नही चाहता! बस समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ उसी दिन से हमने कमर कस ली और हासà¥à¤¯ को अपने दैनिक रूटीन में ही शामिल कर लिया। सà¤à¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाओं के वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¤‚ठजैसे फà¥à¤¹à¤¾à¤°, ठहाका, देखो हà¤à¤¸ न देना आदि का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• पठन, टी.वी पर पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ हासà¥à¤¯ कविता समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ को पूरा देखना और उपयà¥à¤•à¥à¤¤ अवसर पाकर मंदहास या ठहाका लगाने का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥¤ यह à¤à¥€ पता चला कि चà¥à¤¯à¥‚इंगम के सहारे à¤à¥€ सदा हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ का छदà¥à¤® रूप धरा जा सकता है। पर हमें कà¥à¤¯à¤¾ पता था कि हमारी इस नई नीति से कई मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‡à¤‚ बरपा होंगी। अब जैसे उसी दिन कि बात लीजिठजिस दिन संसà¥à¤•ृत के पीरियड में शिकà¥à¤·à¤¿à¤•ा ये शà¥à¤²à¥‹à¤• पà¥à¤¾ रहीं थीं
कमले कमला शेते हरः शेते हिमालये।
कà¥à¤·à¥€à¤°à¤¾à¤¬à¥à¤§à¥Œ च विषà¥à¤£à¥à¤ƒ शेते सतà¥à¤¯à¥‡ मतà¥à¤•à¥à¤£à¤¶à¤‚कया।।
मौके की बात है कि अपन ककà¥à¤·à¤¾ में उसी समय हà¤à¤¸à¥€ का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे थे, टीचरजी को लगा कि हम शà¥à¤²à¥‹à¤• का गà¥à¤£à¤¾à¤°à¥à¤¥ बूठकर हà¤à¤¸à¥‡à¥¤ सो तपाक से हमें अरà¥à¤¥ बताने का निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दे बैठी। अब हमें काटो तो खून नही। दो तमाचे चखने के बाद हमारी जà¥à¤žà¤¾à¤¨ इंदà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सूचित किया कि यह कोई साधारण
शà¥à¤²à¥‹à¤• नहीं बलà¥à¤•ि à¤à¤• हासà¥à¤¯ शà¥à¤²à¥‹à¤• था, खटमल के डर से कà¥à¤·à¥€à¤°à¤¸à¤¾à¤—र में रहते विषà¥à¤£à¥ और हिमालय पर सोते शिवजी के बारे में। à¤à¤• बार फिर हम चà¥à¤Ÿà¤•à¥à¤²à¥‡ के हाथों शहीद हà¥à¤à¥¤
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इधर घर पर हम मौका देखकर हम जरा हà¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ बिखेरते, दादीमाठका पोपले मà¥à¤à¤¹ से उलाहना डिसà¥à¤ªà¥ˆà¤š होता, "अरे मà¥à¤, फकà¥à¤•ड़ों कि नाई खीसें निपोरता रहता है! मसखरा है कà¥à¤¯à¤¾? ये कà¥à¤¯à¤¾ बंदर की तरह हमेशा खीं खीं करता है।" खैर वकà¥à¤¤ कटता गया और शादी के बाद हमारी खिंचाई का सारा दारोमदार पतà¥à¤¨à¥€ व बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर आ गया। कà¤à¥€ हम उनकी सहेली दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शहर के ही ससà¥à¤¤à¥‡ सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° से खरीदी साड़ी को हसबेंड से बनारस से मà¤à¤—ाने कि कथा को वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ समà¤à¤•र हà¤à¤¸ देते दो बाद में पतà¥à¤¨à¥€ हमारी आरती उतार कहती, "अरे कैसे निरेबà¥à¤¦à¥à¤§à¥‚ के पलà¥à¤²à¥‡ बंध गयी मैं, इनकी नामà¥à¤°à¤¾à¤¦ हà¤à¤¸à¥€ हमेशा गलत वकà¥à¤¤ पर ही फूटती है। अब बेचारी à¤à¤• à¤à¥‚ठबोलती है तो चार धैरà¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• सà¥à¤¨à¤¤à¥€ à¤à¥€ तो है"। अपने वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯à¤—à¥à¤°à¤¹à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ से किसी का मखौल उड़ जाà¤à¤—ा यह तो हमनें कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं की थी।
अब तो हमें घर में हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ से उतना ही डर लगता है जितना सरकार को कशà¥à¤®à¥€à¤° में जनमत संगà¥à¤°à¤¹ करवाने से। कई बार अपनी पैरवी की। छोटी बेटी को पास बैठाकर उसे à¤à¤• पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के लेखाà¤à¤¶ पà¥à¤•र सà¥à¤¨à¤¾à¤, "देखो बेटा कà¥à¤¯à¤¾ लिखा है, हà¤à¤¸à¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिये अचà¥à¤›à¥€ वरà¥à¤œà¤¿à¤¶ है। इससे ऊब, उदासी, तनाव, अवसाद चà¥à¤Ÿà¤•ी बजाते दूर हो जाते हैं। हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• को उतà¥à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ मिलती है।" इससे पहले कि हम आगे पà¥à¥‡à¤‚ हमारी ननà¥à¤¹à¥€à¤‚ बेटी सिर हिलाते हिलाते जमà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ लेकर बोर होने का संकेत दे देती। पर फिर à¤à¥€ हमें सà¥à¤•ून मिलता कि चलो कम से कम ये तो अपने पाले में है। पर जब इतवार को टीवी पर "à¤à¤²à¤¿à¤¸ की अनोखी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾" देखते वही ननà¥à¤¹à¥€ खिलखिलाकर कहती, " पापा ये डचेस की बिलà¥à¤²à¥€ तो बिलà¥à¤•à¥à¤² आप जैसी है, हमेशा बिना बात ही हà¤à¤¸à¤¤à¥€ रहती है", तो हमारा सारा à¤à¥à¤°à¤® टूट जाता। गर मैं बेटे कि डेनिम पैंट के घà¥à¤Ÿà¤¨à¥‡ पर à¤à¤• छेद देखकर हà¤à¤¸à¤¤à¤¾ और कहता "अरे, यह पहन कर बाहर जाओगे" तो बेटा और उसके दोसà¥à¤¤ खीज उठते,"कà¥à¤¯à¤¾ पापा आप à¤à¥€, कà¥à¤¯à¤¾ फैशन à¤à¥€ अब हà¤à¤¸à¤¨à¥‡ की चीज हो गई है!"
बाप रे! टà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‡à¤¡à¥€ किंग यूसà¥à¤« साहब जैसे सारी दà¥à¤–द बातें शायद हमारे ही साथ होती हैं, पर हाठगनीमत है कि किसी पहलवान के केले के छिलके से फिसलने और पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में मेहमान के जबड़ों से दूर छिटके मà¥à¤°à¥à¤—े कि टाà¤à¤— के वाकये पर हà¤à¤¸à¤•र हमने धौल या गालियाठनही खाई वरना हमारी दंतकथा पूरà¥à¤£ हो जाती। वैसे, पड़ोसी अब हमारी हà¤à¤¸à¥€ को बिलà¥à¤²à¥€ के रासà¥à¤¤à¤¾ काट जाने से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अपशगà¥à¤¨ मानते हैं।
आप ही फैसला किजिठजब हà¤à¤¸à¥€ नही आती थी तो उपहास का पातà¥à¤° बनते थे, अब ताबड़तोड़ रावणनà¥à¤®à¤¾ ठहाके लगा लेते हैं तो à¤à¥€ à¤à¥ƒà¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ उठती हैं। गोया फकत à¤à¤• पेशी की हरकत से जो तनाव हमें à¤à¥‡à¤²à¤¨à¤¾ पड़ा उससे तो खà¥à¤¶ रहने के तमाम मेडिकल फायदों का ही बेड़ा गरà¥à¤• हो गया। आजकल तो तनà¥à¤¹à¤¾à¤ˆ में बस यही गà¥à¤¨à¤—à¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हैं हà¤à¤¸à¥‡…न हà¤à¤¸à¥‡ हम!


