Month: August 2005
पानी का अà¤à¤¾à¤µ – धारणाà¤à¤, समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ और समाधान
जल मनà¥à¤·à¥à¤¯ की बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ ज़रूरत है, इसे मानवाधिकार का दरà¥à¤œà¤¾ à¤à¥€ दिया जाता है। इसके बावजूद दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में लगà¤à¤— 100 करोड़ लोगों के पास शà¥à¤¦à¥à¤§ पेयजल उपलबà¥à¤§ नहीं होता। कहा जाता है कि सनॠ2025 तक विशà¥à¤µ की 50 फीसदी आबादी à¤à¤¯à¤‚कर जल संकट à¤à¥‡à¤²à¤¨à¥‡ को मजबूर होगी। इस संकट की जड़ कà¥à¤¯à¤¾ है? इस से मà¥à¤•ाबला कैसे किया जाये ताकि “सबके लिये पानी” का लकà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जा सके? पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है इन सारे विषयों और जल से जà¥à¥œà¥‡ अनà¥à¤¯ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ पर विहंगम दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालता चंदà¥à¤°à¤¿à¤•ा रामानà¥à¤œà¤® व राजेश राव का आलेख।
टà¥à¤°à¥ˆà¤«à¤¼à¤¿à¤• जाम और सपने
सारांश में इस बार à¤à¤• महिला लेखिका के पà¥à¤°à¤¥à¤® उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के अंश पà¥à¤°à¤•ाशित करते हà¥à¤ हमें हरà¥à¤· है। सामयिक पà¥à¤°à¤•ाशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•ाशित सà¥à¤·à¤®à¤¾ जगमोहन के इस पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ “ज़िंदगी ई-मेल” का 28 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2005 को दिलà¥à¤²à¥€ में विमोचन हà¥à¤†à¥¤ सà¥à¤·à¤®à¤¾ पेशे से पतà¥à¤°à¤•ार हैं और उनकी रचनायें हंस, मधà¥à¤®à¤¤à¥€ व सखी जैसी पतà¥à¤°à¤¿à¤•ाओं में पà¥à¤°à¤•ाशित हो चà¥à¤•ी हैं।
विकास तय करने का à¤à¥€ अधिकार मिले: मेधा पाटकर
नरà¥à¤®à¤¦à¤¾ घाटी के लोगों की अगà¥à¤µà¤¾à¤ˆ करने वाली मेधा पाटकर ने à¤à¤• वृहद, अहिंसक सामाजिक आंदोलन का रूप देकर समाज के समकà¥à¤· सरदार सरोवर बाà¤à¤§ के डूब कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° के विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ की पीड़ा को उजागर किया। मेधा तेज़तरà¥à¤°à¤¾à¤°, साहसी और सहनशील आंदोलनकारी रही हैं। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है मेधा से देबाशीष चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ की टेलिफोन पर हà¥à¤ˆ बातचीत के अंश।
जल है धरती की धमनी का रकà¥à¤¤
यदि लोग और समà¥à¤¦à¤¾à¤¯, सही सूचना सà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥‹à¤‚ से सशकà¥â€à¤¤ हो कर, अपने आस पास के जल की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ का दायितà¥à¤µ अपने ऊपर लें, तो बड़ी कंपनियों, विकास संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं और केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤•ृत सरकारों की मदद के बिना ही बहà¥à¤¤ कà¥à¤› हासिल हो सकता है, कह रहे है वाटर सà¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤°à¥à¤¡à¥à¤¸ के रायन केस।
जल में घà¥à¤²à¥€ राजनीति
पानी का असमान वितरण, बांधों के लिये विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ को अपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ मà¥à¤†à¤µà¤œà¤¼à¤¾, आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से संपनà¥à¤¨ और विपनà¥à¤¨ उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं में à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µà¥¤ यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जल से जà¥à¥œà¥€ आम बातें हैं। पतà¥à¤°à¤•ार दिलीप डिसूजा इस पर गौर कर रहें हैं और सà¥à¤à¤¾à¤µ दे रहें हैं कि राजनीति के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में बदलाव लाया जा सकता है।