निरंतर की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• समीकà¥à¤·à¤¾ सà¥à¤¤à¤‚ठमें हम इस अंक की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के अंतरà¥à¤—त कà¥à¤› à¤à¤¸à¥€ नायाब पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ें पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं जो निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नौनीहाल को समृदà¥à¤§ करेंगी। यहाठविà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•ाशकों की इन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों की समीकà¥à¤·à¤¾ नहीं वरनॠपरिचय दे रहे हैं।
पहले बात दो à¤à¤¸à¥€ à¤à¤•à¥à¤Ÿà¥€à¤µà¤¿à¤Ÿà¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों की जो कम कीमत में, या कहें तो बिना कीमत में, खिलौने बनाना सिखाती हैं, à¤à¤¸à¥‡ खिलौने जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचà¥à¤šà¥‡ बेफिकà¥à¤° हो जोड़ व तोड़ सकें। घरेलू खिलौनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° के लिये इन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों के लेखकों को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ार व खà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ मिली है। ये खिलौने सामानà¥à¤¯ चीजों से बने हैं, पर इस कारण से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फैकà¥à¤Ÿà¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ महंगे खिलौनों से दोयम न समà¤à¥‡à¤‚। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये खिलौने पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— और रचनातà¥à¤®à¤•ता की जो à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ जगाते हैं वह अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ है, साथ ही इनमें से कई विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के नियमों को सरलता से समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ में à¤à¥€ काम आ सकते हैं।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤¸à¥‡ खिलौनों के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ संसà¥à¤•ृति रही हैं पर दà¥à¤ƒà¤– की बात है कि महंगे खिलौनों की बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ से ये à¤à¥à¤²à¤¾à¤¯à¥‡ जा रहे हैं। हमारे पारंपरिक खिलौनों से बचà¥à¤šà¥‡ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ कà¥à¤› करते हà¥à¤ सीखते हैं – और इस तरह का उनका अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ होता है। इन पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों में दिठगठकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•लापों तथा वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के लिठकिसी तरह के खरà¥à¤šà¥€à¤²à¥‡ साधनों की आवशà¥à¤¯à¤•ता नहीं होती और रोज़ाना इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में आने वाली चीजें और आमतौर पर बेकार हो चà¥à¤•ी वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ जैसे कि बोतलों के ढकà¥à¤•न, सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‰, अख़बारी काग़ज, पैकिंग के पà¥à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ की सहायता से जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की बातें आसानी से समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया जाता है।
पहली पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² की संसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¤•लवà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•ाशित कबाड़ से जà¥à¤—ाड़ – Little Science : विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कà¥à¤› ससà¥à¤¤à¥‡ सरल और रोचक खिलौने। पà¥à¤£à¥‡ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अरविंद गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ अपने इस पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के लिये विखà¥à¤¯à¤¾à¤¤ हैं। वे बेकार हो चà¥à¤•ी दैनिक पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की वसà¥à¤¤à¥à¤“ं के जरिठवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• खिलौने बनाने में सिदà¥à¤§à¤¹à¤¸à¥à¤¤ हैं। इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में चितà¥à¤°à¤®à¤¯ विधियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ये सिखाया गया है। उदाहरण के लिठइसमें कैमरा फ़िलà¥à¤® की पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की डिबà¥à¤¬à¥€, पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• की थैली, साइकिल की सà¥à¤ªà¥‹à¤•, टूटी चपà¥à¤ªà¤² की रबर शीट के टà¥à¤•ड़े तथा रबर या पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के पाइप के जरिठपानी के पमà¥à¤ª बनाने की आसान विधि बताई गई है। इस चितà¥à¤°à¤®à¤¯ विधि को पढ़कर बचà¥à¤šà¥‡ आसानी से सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही अपना à¤à¤• पानी का पमà¥à¤ª बना सकते हैं और जान सकते हैं कि पानी का पमà¥à¤ª आखिर कैसे काम करता है। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• दà¥à¤µà¤¿à¤à¤¾à¤·à¥€ है – यानी अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ व हिनà¥à¤¦à¥€ दोनों में है जिससे इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। 70 पृषà¥à¤ ों की इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का मूलà¥à¤¯ है मातà¥à¤° 20 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-87171-03-0, संसà¥à¤•रण 2002, चितà¥à¤° अविनाश देशपांडे)। ये पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾ आनलाईन पर पीडीà¤à¤« पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प में मà¥à¤«à¥à¤¤ à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ है।
दूसरी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है नेशनल बà¥à¤• टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•ाशित जॉय आफ मेकिंग इंडीयन टॉयà¥à¤œà¤¼à¥¤ इसके लेखक सà¥à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ खनà¥à¤¨à¤¾ नेशनल इंसà¥à¤Ÿà¥€à¤Ÿà¥à¤¯à¥‚ट आफ डिजाइन, अहमदाबाद में काम करते हैं। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ में पà¥à¤°à¤•ाशित इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में 101 हसà¥à¤¤à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ खिलौने हैं जो खेल खेल में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ सिखाते हैं। 125 पृषà¥à¤ ों की इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की छपाई उमà¥à¤¦à¤¾ है व चितà¥à¤° बेहतरीन। इसकी कीमत है 40 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ तथा इसे आप नेशनल बà¥à¤• टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ की वेबसाईट से à¤à¥€ खरीद सकते हैं (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-237-2244-3)। नीचे दिये चितà¥à¤° में आप इसी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में दी गई कलाबाज़ कैपà¥à¤¸à¥‚ल बनाने की विधि पॠसकते हैं (विवरण अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ से अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ है)। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का हिनà¥à¤¦à¥€ संसà¥à¤•रण à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ है पर उसकी कीमत 90 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ है। हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ अरविंद गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ का ही किया हà¥à¤† है।

à¤à¤•लवà¥à¤¯ का à¤à¤• और पà¥à¤°à¤•ाशन है – खिलौनों का खज़ाना Toy Treasures। इसमें जापानी ओरिगामी विधि से यानी काग़ज के टà¥à¤•ड़ों को काट-जोड़-चिपका कर इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ तरीके से दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ खिलौनों को कैसे बनाना यह बताया गया है। आसान सी उड़ने वाली मछली हो या जटिल बातूनी कौआ – चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के जरिठइनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बनाने का तरीका बड़ी सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ से समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। इसके लेखक à¤à¥€ अरविंद गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ हैं। यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ व अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ दोनों à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में छपी है। (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-87171-37-5, पृषà¥à¤ संखà¥à¤¯à¤¾ 36, मूलà¥à¤¯ – रू 20/-, संसà¥à¤•रण 2001) ये पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पीडीà¤à¤« पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प में मà¥à¤«à¥à¤¤ à¤à¥€ उपलबà¥à¤§ है।
केवल 8 रà¥à¤ªà¤ मूलà¥à¤¯ की à¤à¤• और पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है – नज़र का फेर – दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤à¥à¤°à¤® के खेल। आओ माथा पचà¥à¤šà¥€ करें शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ की यह आठवीं पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है। इस छोटी सी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¿à¤•ा में दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤à¥à¤°à¤® पैदा करने वाले डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤‚ग, रेखांकनों, रेखाचितà¥à¤°à¥‹à¤‚ व कलाकृतियों को समेटा गया है। इनके जरिठबचà¥à¤šà¥‡ दà¥à¤µà¤¿-तà¥à¤°à¤¿à¤†à¤¯à¤¾à¤® के बारे में तो समà¤à¤¤à¥‡ ही हैं, कलाकृति के परà¥à¤¸à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤¿à¤µ को शीघà¥à¤° समठसकते हैं (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-87171-58-8, पृषà¥à¤ संखà¥à¤¯à¤¾ 20, संसà¥à¤•रण 2004)।
और अंत में बात चैनà¥à¤¨à¤ˆ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ तà¥à¤²à¤¿à¤•ा पà¥à¤°à¤•ाशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•ाशित दो पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ों की।
समंदर और मैं संधà¥à¤¯à¤¾ राव की मूल अंगà¥à¤°à¤œà¤¼à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ हिà¥à¤¨à¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ है। ये à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ लड़के की कहानी है जो दिसंबर 2004 में आये सà¥à¤¨à¤¾à¤®à¥€ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤† पर शायद ये à¤à¤¸à¥‡ किसी à¤à¥€ बालक की कहानी हो सकती है को पà¥à¤°à¤•ृति की गोद में पल बॠरहा हो। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में मनमोहक सà¥à¤¥à¤¿à¤° चितà¥à¤° हैं, रेत शंख और तट रेखा के रंग कà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¾à¤¨ से मिलकर मानों उस मरà¥à¤® पर मरहम लगाते हैं जिनका इस तà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤¦à¥€ में सब कà¥à¤› सागर की गरà¥à¤¤ में समा गया।
ये कहानी à¤à¤²à¥‡ गमग़ीन करती है पर अचà¥à¤›à¥€ बात ये है कि पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का रà¥à¤– आशावादी और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ है। चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ से शायद कà¥à¤°à¤‚कीट के जंगलों में रहते बचà¥à¤šà¥‡ नौका, पानी, रेत और समंदर के संबंधों को समठसकें और पà¥à¤°à¤•ृति का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना सीखें। पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की à¤à¤¾à¤·à¤¾ कई जगह असà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है पर छपाई बेहतरीन है। छ वरà¥à¤· या जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उमà¥à¤° के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ ये 24 पृषà¥à¤ के इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की कीमत है 100 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡à¥¤ चिकने कागज़ की छपाई के लिहाज़ से न देखें तो कीमत ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तो है। (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-8146-114-2)
पिपà¥à¤ªà¥€ लंबेमोज़े à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¡ लिंडगà¥à¤°à¤¨ की नामचीन सà¥à¤µà¥€à¤¡à¤¿à¤¶ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पिपà¥à¤ªà¥€ लाà¤à¤—सटà¥à¤°à¤®à¥à¤ª का संधà¥à¤¯à¤¾ राव दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ है। à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¡ का à¤à¤¾à¤°à¤¤ के लिये à¤à¤²à¥‡ नया नाम हों पर उनकी कम ही किताबें हैं जिन पर फिलà¥à¤® नहीं बनीं। सà¥à¤µà¥€à¤¡à¤¨ में छोटे बड़े सà¤à¥€ उनकी रचनाओं को पसंद करते रहे हैं। सरल à¤à¤¾à¤·à¤¾, उमà¥à¤¦à¤¾ विचार, हंसी मजाक और गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾, à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¡ के लेखन में ये सà¤à¥€ रंग पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ से मिलते हैं। वे मानतीं थीं कि वे सिरà¥à¤« बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये ही लिखना चाहती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सिरà¥à¤« बचà¥à¤šà¥‡ ही पà¥à¤¤à¥‡ समय चमतà¥à¤•ार कर सकते हैं।
ये पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤¡ ने अपनी बीमार बेटी को कहानियाठसà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये लिखी। किताब से न केवल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ सà¥à¤µà¥€à¤¡à¤¨ की संसà¥à¤•ृति का पता चलता है बलà¥à¤•ि ये à¤à¥€ कि पिपà¥à¤ªà¥€ बचà¥à¤šà¥€ होने पर à¤à¥€ कितनी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° है। साठसाल पहले लिखी ये किताब आज à¤à¥€ बड़ी सारà¥à¤¥à¤• है, à¤à¤²à¥‡ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पाठक कई बातों को पचा ना पायें। 50 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ की इस किताब में 102 पेज हैं और अनेक सà¥à¤‚दर रेखांकन हैं (ISBN कà¥à¤°à¤‚ 81-86895-91-4)।
पà¥à¤°à¤•ाशकों से संपरà¥à¤• की जानकारी |
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| à¤à¤•लवà¥à¤¯ ई-7, à¤à¤šà¤†à¤ˆà¤œà¥€ 453, अरेरा कॉलोनी, à¤à¥‹à¤ªà¤¾à¤² – 462016. |
नैशनल बà¥à¤• टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ à¤-5, गà¥à¤°à¥€à¤¨ पारà¥à¤•, नई दिलà¥à¤²à¥€ – 110016. http://www.nbtindia.org.in |
तà¥à¤²à¤¿à¤•ा पबà¥à¤²à¤¿à¤¶à¤°à¥à¤¸ 13 पृथà¥à¤µà¥€ à¤à¤µà¥ˆà¤¨à¥à¤¯à¥‚, अà¤à¤¿à¤°à¤¾à¤®à¤ªà¥à¤°à¤®, चैनà¥à¤¨à¤ˆ – 600018. |
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