Author: अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾
जापानी हायकू का उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦
जापानी साहितà¥à¤¯ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विधा हायकू तीन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में लिखी जाने वाली कविता है। कà¥à¤² सतà¥à¤°à¤¹ अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में पूरà¥à¤£ अरà¥à¤¥ संपà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करना हायकू की कसौटी होती है। अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ ने हाल ही में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ डा.अंजलि देवधर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये मूल जापानी से अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में अनà¥à¤¦à¤¿à¤¤ 32 महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कवियों की 100 उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ हायकू कविताओं के हिंदी में उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤¾ और काफी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤
हासà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯ के किंग: समीर लाल
मारà¥à¤š 2006 में इनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥€ चिटà¥à¤ ाकारी की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की और देखते ही देखते सबके मन को à¤à¤¾ गये। कविता, कà¥à¤‚डलियाà¤, तà¥à¤°à¤¿à¤µà¥‡à¤£à¥€ और मà¥à¤‚डलिया, सबमें इनकी सहज गति है। सहज, मनलà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨ गदà¥à¤¯ इनके लेखन का पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¤à¤¤à¥à¤µ है। कचà¥à¤šà¤¾ चिटà¥à¤ ा में इस बार बमारà¥à¤«à¤¼à¤¤ अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ à¤à¥‡à¤‚ट कीजिये उड़नतशà¥à¤¤à¤°à¥€ के लेखक समीरलाल से।
हिनà¥à¤¦à¥€ समांतर कोश: à¤à¤• विराट पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸
शबà¥à¤¦à¤•ोश से आप किसी à¤à¥€ शबà¥à¤¦ का अरà¥à¤¥ जान सकते हैं। लेकिन यदि आप किसी सटीक शबà¥à¤¦ की तलाश में हैं तो शबà¥à¤¦à¤•ोश अपने हाथ खड़े कर देगा। à¤à¤¸à¥‡ में आपको थिसारस की शरण में जाना होगा। अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ बता रहे हैं अरविंद व कà¥à¤¸à¥à¤® कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ २० साल के अथक परिशà¥à¤°à¤® से तैयार हिनà¥à¤¦à¥€ समांतर कोश के बारे में।
छोटे मियां सà¥à¤à¤¾à¤¨ अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ -पंकज बेंगानी
कचà¥à¤šà¤¾à¤šà¤¿à¤Ÿà¥à¤ ा में परिचय पाईये तरकश के à¤à¤• और पà¥à¤°à¤–र तीर, उदयीमान चिटà¥à¤ ाकार पंकज बेंगानी।
राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤°à¤‚ग डूबा बà¥à¤²à¥‰à¤—र – संजय बेंगानी
कचà¥à¤šà¤¾à¤šà¤¿à¤Ÿà¥à¤ ा में इस बार मà¥à¤²à¤¾à¤•ात कीजिये तरकश की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• तिकड़ी में से à¤à¤• और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤¶à¤¾à¤²à¥€ चिटà¥à¤ ाकार संजय बेंगानी से।


