"किसी को बाल भर की भी चिन्ता नहीं है कि आप के शहर में मौसम कैसा है। आप अपने कर्सर को तितली की शक्ल देते हैं तो किसी को फर्क नहीं पड़ता, न ही किसी से इस बात पर वोट डालने की उम्मीद कीजिए कि आप का ब्लॉग चकाचक है कि नहीं। बस कुछ असल का माल लिखते जाइए, अपने लिए, अपने बारे में, रोज़ाना।" आस्वादन कीजिये हुसैन द्वारा संकलित,
रमण कौल द्वारा अनुवादित, अंर्तजाल के कोने कोने से चुनी बेहद रोचक कड़ियाँ, कुछ खट्टी कुछ मीठी।
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