अगर आपकी पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को आपसे उनके मामा तौर पर मिलवाये तो आप कà¥à¤¯à¤¾ करेंगे?
à¤à¥ˆà¤¯à¥‡! पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मामा की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने के बाद फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ के लिये करने को बचेगा à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ – सिवाय चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª मिल लेने के? सो चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª मिल लेंगे। बाकी हमें लगता है कि पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤•रà¥à¤¤à¤¾ किसी उहापोह में है और कà¥à¤› टिपà¥à¤¸ चाहता है। तो यह रहे कà¥à¤› मंतà¥à¤°à¤ƒ
अपने जिगरे पर हाथ रखकर सोचो मानव – असफलता बताती है कि सफलता का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ पूरे मन से नहीं किया गया है। तो जहां चूक हो गयी उसके बारे में जमाने को कोसो। अगर मौका बचा है तो फिर से नयी कोशिश में जà¥à¤Ÿ जाओ। साथ ही तà¥à¤® यह à¤à¥€ सोचकर खà¥à¤¶ हो सकते हो कि चलो पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा का खà¥à¤¯à¤¾à¤² रखने वाले लोग और à¤à¥€ हैं।
अगर सच में उसे कà¤à¥€ चाहते रहे हो तो उसके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ या शादी की सालगिरह पर पà¥à¤°à¥‡à¤® की सारी निशानियां (पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤°, अंतरंग फोटो, इतà¥à¤° सने रूमाल आदि-इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿) अचà¥à¤›à¥‡ à¤à¥‚तपूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की तरह वापस कर दो। इसे डायरी में नोट करोः असफल पà¥à¤°à¥‡à¤® के रूप में इंसान को ताजिंदगी à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ खà¥à¤¶à¤¨à¥à¤®à¤¾ à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ का सहारा मिल जाता है जिसकी बदौलत वह अपने को सदा कà¥à¤› खास मानने का à¤à¥à¤°à¤® पाल सकता है। इसके लिये तà¥à¤® पाक़ परवरदिगार को दà¥à¤† दो कि कम से कम उसने जिंदगी à¤à¤° पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा को याद रखने का मौका तो दिया।
अब अगरचे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤¯à¤¾à¤° बस छलावा रहा। और यह पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा कई पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ाओं में से à¤à¤• रही हो तो खà¥à¤¶ हो जाओ यह सोचकर कि अब दूसरी पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ाओं को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय दे सकोगे। शहीद होने से बाल-बाल बच निकलने के लिये “ईशà¥à¤µà¤° को धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ कैसे दें” नामक फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• डाक से मंगवाने कि लिठ1001 रॠका डà¥à¤°à¤¾à¤«à¥à¤Ÿ à¤à¤¿à¤œà¤µà¤¾ दो।
और हाà¤! अपने “à¤à¤¾à¤¨à¥à¤œà¥‹à¤‚” को बà¥à¤²à¥‰à¤— बनाना ज़रूर सिखा दो ताकि इंडीबà¥à¤²à¤¾à¤—ीज़ के वकà¥à¤¤ वोट के काम आयें और लगे हाथों पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•ा के हालचाल à¤à¥€ मिलता रहे।
कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ से कà¤à¥€ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° मिट पायेगा?
बड़ा देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¥€ टाईप का सवाल है। यह पूछना वैसा ही है कि कà¥à¤¯à¤¾ तà¥à¤® दूध से पानी और खून से कलेसटà¥à¤°à¥‰à¤² हटा सकते हो। महानà¥à¤à¤¾à¤µ, हमारे देश का बहà¥à¤¤ बड़ा हिसà¥à¤¸à¤¾ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° यजà¥à¤ž में अपना योगदान देता है। à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° समापà¥à¤¤ करने की बात सोचना उनके पेट पर लात मारना है, मानवाधिकार का सरासर उलà¥à¤²à¤‚घन है। à¤à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ कà¤à¥€ परवान नहीं चढ़ सकते।
कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करो कि à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° ततà¥à¤•ाल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से समापà¥à¤¤ हो जाये तो कà¥à¤› दृशà¥à¤¯ जो फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ के धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में आते हैं वे कैसे होंगे
- साल में पाà¤à¤š लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ पाने वाले अधिकारी की लड़की की शादी रूक जायेगी जिसने दहेज में à¤à¤• करोड़ रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ देने का वायदा कर रखा है।
- नेताओं की देशसेवा की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की नदी तà¥à¤°à¤‚त सूख जायेगी।
- बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— नेताओं तथा यà¥à¤µà¤¾ नेताओं में लखनवी अंदाज में à¤à¤• दूसरे नेतृतà¥à¤µ का मौका देने की अंतहीन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता चलती रहेगी।
- सड़कों से बंगले तथा सूखे से हरियाली निकलना बंद हो जायेगा। अधिकारी अपने कारà¥à¤¯à¤•ाल में बाढ़ तथा सूखे की कामना के लिये à¤à¤—वान के यहां अरà¥à¤œà¥€ लगवाना बंद कर देंगे।
वैसे किसी à¤à¥€ समाज में à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° कम किया जा सकता है पर पूरी तौर पर कà¤à¥€ समापà¥à¤¤ नहीं हो सकता। कमी के लिये à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° के अवसर कम करने होंगे। यह सब समाज के हर वरà¥à¤— के सहयोग के बिना असंà¤à¤µ है। जितना समाज जागरूक होगा, à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° उतना ही कम होगा। किसी नैतिक चमतà¥à¤•ार से यह नहीं हो सकता। वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में बà¥à¤¨à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ परिवरà¥à¤¤à¤¨ के बिना यह बदलाव दिवासà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ है।
कहते हैं कि पैदल चलने और जॉगिंग करने से वजन कम होता है। तो कà¥à¤¯à¤¾ उलà¥à¤Ÿà¥‡ पैर चलने से वजन बढ़ सकता है?
आरà¥à¤¯à¤ªà¥à¤¤à¥à¤°, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के किसी à¤à¥€ सà¥à¤•ूल का हाईसà¥à¤•ूल पास या फेल बचà¥à¤šà¤¾ जानता है कि वजन का घटना शरीर में जमा ऊरà¥à¤œà¤¾ की खपत पर निरà¥à¤à¤° करता है। जितनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ऊरà¥à¤œà¤¾ खपेगी वजन उतना ही जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कम होगा।
ऊरà¥à¤œà¤¾ à¤à¤• अदिश राशि (Scalar Quantity) है। दिशा पर इसकी मातà¥à¤°à¤¾ निरà¥à¤à¤° नहीं करती। आप चाहें आगे चलें, चाहें पीछे, वजन घटेगा ही। उलà¥à¤Ÿà¥‡ पैर चलने में चूंकि गति कम होगी लिहाजा वजन à¤à¥€ कम घटेगा। पर बढ़ेगा कतई नहीं। इसके बाद à¤à¥€ अगर कोई उलà¥à¤Ÿà¥‡ चलने का मन बनाता हैं तो तय है कि –
- वह पैरों से नहीं दिमाग से पैदल है।
- उसका दिमाग मोटा है जो कि उसको à¤à¥‚त की तरह पीछे दौड़ा रहा है।
फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ की मानो, उलà¥à¤Ÿà¥‡ चलने का खà¥à¤¯à¤¾à¤² मन से निकाल दो वरना निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ तौर पर गिरोगे और तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ वजन में पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤°, मरहम पटà¥à¤Ÿà¥€ तथा सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤šà¤° का वजन और जà¥à¥œ जाà¤à¤—ा। बूà¤à¥‡ कि नहीं?
कहते हैं सà¥à¤ªà¤°à¤®à¥ˆà¤¨ सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ होता है.तो फिर वो अंडरवियर अपनी पैंट के ऊपर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पहनता है?
देखो बरखà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤°, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ में अगर थोड़ी बेवकूफी का ‘फà¥à¤²à¥‡à¤µà¤°’ हो तो बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ में चार चांद लग जाते हैं। दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के तमाम बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ के किसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उनके बेवकूफी के किसà¥à¤¸à¥‡ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ हैं। नà¥à¤¯à¥‚टन के नियमों से अनजान लोग à¤à¥€ जानते हैं कि नà¥à¤¯à¥‚टन ने अपनी छोटी-बड़ी बिलà¥à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के निकलने के लिये दरवाज़े में अलग-अलग छेद बनवाये – जबकी बड़े छेद से दोनों बिलà¥à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ निकल सकती थीं। बलà¥à¤¬ के अविषà¥à¤•ारक के नाम से अनजान लोग à¤à¥€ यह जानते हैं कि बचपन में उसने मà¥à¤°à¥à¤—ी की तरह अंडे पर बैठकर सेने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ की पेंटिंगà¥à¤¸ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उनका नंगे पांव चलना चरà¥à¤šà¤¾ में रहता है।
बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की बेवकूफी के किसà¥à¤¸à¥‡ चलन में होने का कारण यह à¤à¥€ है कि लोग वे बेवकूफियां दोहरा कर महान बन जाते हैं। गांधीजी के बà¥à¤°à¤®à¥à¤¹à¤šà¤°à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—ों को दोहराकर बहà¥à¤¤ सारे बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— नेता बरासà¥à¤¤à¥‡ शारà¥à¤Ÿà¤•ट उनके बराबर महान बन जाने की खà¥à¤¶à¤«à¤¹à¤®à¥€ पालते हैं। बॉलीवà¥à¤¡ में शोहरत और पैसे की आकांकà¥à¤·à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ इसका उलट रासà¥à¤¤à¤¾ अपना कर पà¥à¤°à¥€à¤¤à¥€ जिनà¥à¤Ÿà¤¾ बनने के खà¥à¤µà¤¾à¤¬ निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• के साथ देखती हैं।
बात को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ दो। सà¥à¤ªà¤°à¤®à¥ˆà¤¨ à¤à¤• कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• चरितà¥à¤° है। पैंट के ऊपर अंडरवियर à¤à¥€ लेखक की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ है। जिसके कारण निमà¥à¤¨ हो सकते हैं-
- सà¥à¤ªà¤°à¤®à¥ˆà¤¨ बहादà¥à¤°à¥€ के कारनामे करता है। à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में अकà¥à¤¸à¤° कपड़े गीले हो सकते हैं। अब चूंकि à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के दिन तय नहीं होते इसलिये उसे हमेशा तैयार रहना पढ़ता है। अंदर के संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ गीलेपन को बाहर का अंडरवियर छिपाता है।
- सà¥à¤ªà¤°à¤®à¥ˆà¤¨ बहादà¥à¤° à¤à¥€ माना जाता है। बहादà¥à¤°à¥€ तथा बेवकूफी में चोली-दामन का साथ है अगर वह कपड़े आम आदमियों की तरह पहनेगा तो लोग उसकी बहादà¥à¤°à¥€ पर शक करेंगे। अंडरवियर ऊपर धारण करने की बेवकूफी करके वह à¤à¤¸à¥‡ किसी à¤à¥€ शक को खतà¥à¤® कर देता है।
- कà¤à¥€ कसà¥à¤Ÿà¤® चौकी पर तलाशी का नाटक होने पर वह अपना ऊपर का अंडरवियर उतारकर तलाशी करवा सकता है तथा यह रिकारà¥à¤¡ किया जा सकता है: अंडरवियर तक उतरवाकर तलाशी ली गयी, कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं मिला। इससे तलाशी à¤à¥€ हो जाती है, सबकी इजà¥à¤œà¤¤ à¤à¥€ बची रहती है।
बातचीत शà¥à¤°à¥ करने के लिये मौसम ही सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ उपयà¥à¤•à¥à¤¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ रहता है?
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मिरà¥à¤œà¤¼à¤¾, मौसम और बीवी दोनों के तेवर का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाना कठिन होता है। तिस पर बातचीत की किसी असफलता का ठीकरा हम मौसम के सर पर फोड़ सकते हैं। मौसम तो मूक होता है। आरोप चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª सह लेता है बेचारा। पर सà¥à¤µ.रमानाथ अवसà¥à¤¥à¥€ कहते हैं –
कà¥à¤› कर गà¥à¤œà¤°à¤¨à¥‡ के लिये
मौसम नहीं मन चाहिये।
तो जनाब, मौसम का कंधा छोड़कर बातचीत शà¥à¤°à¥ करें। बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी।
अंततः…
सब जानते हैं कि शादी जी का जंजाल है, फिर à¤à¥€ सà¤à¥€ करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
देखो à¤à¤‡à¤¯à¥‡! इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कोई संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ नहीं है – गरीब अमीर होना चाहते है, अमीर सà¥à¤‚दर होना चाहते हैं, कà¥à¤‚वारे शादी करना चाहते हैं और शादी-शà¥à¤¦à¤¾ मरना चाहते हैं। शादी को लोग जी का जंजाल मानते हैं फिर à¤à¥€ करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हर आदमी कोई हादसा देखकर सोचता है यह à¤à¤¯à¤‚कर ज़रूर है लेकिन मेरे साथ à¤à¤¸à¤¾ नहीं होगा। पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह करने वाले à¤à¥€ इसलिये शादी करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे मानते हैं कि शादी बिना पà¥à¤°à¥‡à¤® अधूरा होता है। अरे मूà¥! शादी के बाद पà¥à¤°à¥‡à¤® खलास हो जाता है – अधूरा नहीं रहता।
कहानी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है फिर à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ में हरà¥à¤œ नहीं है।
दो आदमी मरने के बाद यमराज के पास पहà¥à¤‚चे। à¤à¤• ने अपने करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का हिसाब दिया कि कैसे वह पतà¥à¤¨à¥€ के कषà¥à¤Ÿ सहता रहा। नहाने के बाद जीतू की ही तरह वह बाथरूम पोछता था। यमराज ने उसकी तपसà¥à¤¯à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखकर बिना कमीशन लिये उसे सà¥à¤µà¤°à¥à¤— में à¤à¤• बरà¥à¤¥ à¤à¤²à¥‰à¤Ÿ कर दी। दूसरे ने बताया कि उसने दो शादियां की। दोगà¥à¤¨à¥€ तपसà¥à¤¯à¤¾ की। उसके कषà¥à¤Ÿ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ मातà¥à¤° से बेहोश होते-होते यमराज ने उसे यह कह कर à¤à¤—ा दिया कि बेवकूफों की यहां कोई जगह नहीं है।
शादी à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ जंजाल है जिसमें फंसकर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की हर समसà¥à¤¯à¤¾ छोटी लगने लगती है। लोग कहते हैं – कà¥à¤‚वारा वह जो चारों तरफ घूमे और तरह-तरह की समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पैदा कर ले। शादीशà¥à¤¦à¤¾ को कहीं जाना नहीं पड़ता। वैसे तà¥à¤® à¤à¥€ खà¥à¤¶ ही दिखते हो इस जंजाल में फंसकर – कà¥à¤¯à¤¾ कहते हो!
फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ का अवतार ले कर हर महीने à¤à¤¸à¥‡ ही रोचक सवालों के मज़ेदार जवाब देंगे अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾à¥¤ उनका अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥€ चिटà¥à¤ ा “फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾” अगर आपने नहीं पà¥à¤¾ तो आज ही उसका रससà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ करें। आप अपने सवाल उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ anupkidak à¤à¤Ÿ gmail डॉट कॉम पर सीधे à¤à¥‡à¤œ सकते हैं, विपतà¥à¤° à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ समय धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें कि subject में “पूछिये फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से” लिखा हो। इस सà¥à¤¤à¤‚ठपर अपनी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ संपादक को à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ का पता है patrikaa à¤à¤Ÿ gmail डॉट कॉम

घर, दफà¥à¤¤à¤°, सड़क हर जगह मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‡à¤‚ आतीं हैं, सेंकड़ों सवाल उठखड़े हो जाते हैं। अब सर खà¥à¤œà¤²à¤¾à¤¤à¥‡ खà¥à¤œà¤²à¤¾à¤¤à¥‡ हमारे रडार पर à¤à¤• महारथी की काया दिखी तो उमà¥à¤®à¥€à¤¦ कि किरणें जाग उठीं। अब कोई पपà¥à¤ªà¥‚ फेल न होगा। (पà¥à¤°à¤à¥, अब तक कहाठथे आप?)