
प अà¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ कर रहे हैं? ये बड़ा ही सीधा सवाल है जिसका जवाब देना à¤à¥€ बेहद आसान होता है। अंतरजाल पर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के हजारों लोग इसी सवाल का जवाब देते अघाते नही और टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में उनके इस सवाल का इंतज़ार कà¤à¥€ दस तो कà¤à¥€ हजारों फॉलोवरà¥à¤¸ को रहता है। इससे पहले कि आप टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° को कोई धारà¥à¤®à¤¿à¤• संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ समठबैठें जिसके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ à¤à¥‡à¤¦ à¤à¤°à¥‡ संदेश साà¤à¤¾ करते हैं, हम आपको इसका राज़ बता ही देते हैं।
कà¥à¤¯à¤¾ है माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग?

माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग (Microblogging) पारंपरिक बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का à¤à¤• अलाहदा रूप है जिसमें संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ टेकà¥à¤¸à¥à¤Ÿ संदेश à¤à¥‡à¤œà¥‡ जा सकते हैं। संदेश की सीमा अकà¥à¤¸à¤° 140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ की होती है जिसे आप अपने मोबाईल फ़ोन, इंसà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ट मैसेंजर, ईमेल या जालघर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥‡à¤œ सकते हैं। 2006 में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤, टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग सेवा है, अगला नंबर गूगल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अधिगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ जायकू का है।
जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग की लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ में इज़ाफ़ा हो रहा है इसके अति साधारण रूप में नये नग जोड़े जाने की कवायद चल रही है। डिग के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• केविन रोज़ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ पाउंस में फाइल शेयरिंग व कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® नà¥à¤¯à¥Œà¤¤à¥‡ à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ कि सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ जोड़ी गई तो हाल ही में शà¥à¤°à¥ किये गई पà¥à¤²à¤°à¥à¤• के जालघर में अंतरापृषà¥à¤ को à¤à¤• टाईम लाईन का सà¥à¤µà¤°à¥‚प दे कर विडियो व अनà¥à¤¯ मीडिया जोड़ने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ दी गई है।
माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग का जादू इस कदर सर चà¥à¤•र बोल रहा है कि फ़ेसबà¥à¤• से लेकर लिंकà¥à¤¡-इन तक को, सà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿà¤¸ अपडेट के बहाने ही सही, माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ मà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ करानी पड़ी है। तो यह बिलावजह नहीं है कि माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग नामचीन शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ लà¥à¤à¤¾ रही है तà¤à¥€ तो बà¥à¤²à¥‰à¤—अडà¥à¤¡à¤¾ ने अमिताठबचà¥à¤šà¤¨ के बलॉग के बाद खास उनके लिये माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ à¤à¥€ शà¥à¤°à¥ की है। बीबीसी व अलज़जीरा जैसे नामचीन समाचार संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ स लेकर अमरीका के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ पद के उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° बराक ओबामा तक टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर हैं।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° à¤à¤• अलग किसà¥à¤® की इंसà¥à¤Ÿà¥ˆà¤‚ट मैसेजिंग सेवा है, कई इसे माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग (देखें बॉकà¥à¤¸à¤ƒ कà¥à¤¯à¤¾ है माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग?) कहकर पà¥à¤•ारते हैं। फरà¥à¤•़ यह है कि आप टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर केवल 140 या उससे कम अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में ही संदेश à¤à¥‡à¤œ सकते हैं जो आपके फॉलोवरà¥à¤¸ (टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की ज़बान में आपके संदेश पाने की हामी à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाले को फॉलोवर कहा जाता है) को तà¥à¤°à¤‚त मिल जाता है। इसी तरह आप à¤à¥€ अपनी पसंद के लोगों को फॉलो कर सकते हैं। और इस तरह बन जाता है à¤à¤• बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ सामाजिक तंतà¥à¤° या सोशियल नेटवरà¥à¤• जिसकी बात आजकल हर वेंचर कैपिटलिसà¥à¤Ÿ किया करता है। मज़े की बात यह है कि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° सेवा मोबाईल पर à¤à¥€ चलती है यानी आप अपने सेल फोन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¥€ संदेश à¤à¥‡à¤œ व पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के अलावा अनà¥à¤¯ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग सेवायें à¤à¥€ आहिसà¥à¤¤à¤¾ आहिसà¥à¤¤à¤¾ अपनी पैठबना रही हैं। विपणन व सोशियल मीडिया में रà¥à¤šà¤¿ रखने वाले गौरव मिशà¥à¤°à¤¾, जो गौरवानॉमिकà¥à¤¸ नामक चिटà¥à¤ ा लिखते हैं, टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के अलावा जायकू, पाउंस, पà¥à¤²à¤°à¥à¤•, कà¥à¤¯à¥à¤ªà¤¿, चितà¥à¤° व à¤à¤¸à¤à¤®à¤à¤¸ गपशप जैसी सेवायें आजमा चà¥à¤•े हैं। टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ इसे विविध माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं, कई लोग अपने मोबाईल दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के शॉरà¥à¤Ÿà¤•ोड 5566511 पर संदेश à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ हैं तो कई टीवà¥à¤¹à¤¿à¤°à¥à¤² (Twhirl) या टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤«à¥‰à¤•à¥à¤¸ (TwitterFox) जैसे डेसà¥à¤•टॉप कà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤‚ट या बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥‡à¤‚शन का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हैं।
140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ की सीमा टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर अनचाही बातों और बड़बोलेपन पर बाà¤à¤§ तो लगाती ही है, साथ ही नà¥à¤¯à¥‚नतम शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में वही बात कहने का हà¥à¤¨à¤° à¤à¥€ सिखा देती है जो आप अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर 1000 शबà¥à¤¦ खरà¥à¤š करे बिना कह नहीं पाते। और यकीन मानिये 140 अकà¥à¤·à¤° कम नहीं होते कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर अकà¥à¤¸à¤° लोग बेतकलà¥à¤²à¥à¤« और निजी बातें लिखते हैं। कई बार ये बातें रिमाईंडर, निजी नोट, तà¥à¤µà¤°à¤¿à¤¤ विचार या आवशà¥à¤¯à¤• खबर होती है। किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को फॉलो करते करते आपको उसकी शखà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¤ का इलà¥à¤® होने लगता है, मसलन उसे कैसी फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ पसंद है, वो कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤¤à¤¾ है, कहाठखाना खाता है, उसके आफिस में कà¥à¤¯à¤¾ चल रहा है, वगैरह। पर टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर लोग इतनी निजी बातें कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ करने लगते हैं जो वो साधारणतः अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर नहीं करते। बी 5 मीडिया व इंकà¥à¤¯à¥‚ज़िटर के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• डंकन रियली “नेटवरà¥à¤• व तà¥à¤µà¤°à¤¿à¤¤ वारà¥à¤¤à¤¾à¤²à¤¾à¤ª” को इसकी वजह मानते हैं, “टà¥à¤µà¥€à¤Ÿ काफी सीमित पाठकवरà¥à¤— पर केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ होते हैं और इनका छोटा आकार इनका पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प निजी बना देता है”, वे कहते हैं। गौरव कहते हैं, “माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग ने बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के साथ वही किया जो à¤à¤• समय बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग ने पारंपरिक पà¥à¤°à¤•ाशन के साथ किया था। माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग के à¤à¤¸à¤à¤®à¤à¤¸ और चैट से सामà¥à¤¯ ने इसे अनौपचारिक कलेवर दे दिया है”
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर अधिकांश लोग पहले चिटà¥à¤ ाकारी से जà¥à¥œà¥‡ फिर इस माधà¥à¤¯à¤® से। पà¥à¤°à¤•ाशन की सरलता ने लाखों लोगों को अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर जो चाहे वो लिखना सिखाया। पर लंबे गदà¥à¤¯ लेखन से कई बà¥à¤²à¥‰à¤—र उकता जाते हैं। बà¥à¤²à¥‰à¤— का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प अमूमन à¤à¤¸à¤¾ होता है कि कम शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में लिखना शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ नही होता। वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ की असाईडà¥à¤¸ और टंबल बà¥à¤²à¥‰à¤— जैसे माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ ने यहाठनिजात ज़रूर दी, जहाठà¤à¤• लाईना पोसà¥à¤Ÿ लिखना संà¤à¤µ था, टेबल बà¥à¤²à¥‰à¤— पर तो आप केवल à¤à¤• विडियो या चितà¥à¤° à¤à¥€ पोसà¥à¤Ÿ कर सकते थे, बिना à¤à¤• à¤à¥€ शबà¥à¤¦ लिखे। पर तातà¥à¤•ालिकता ने टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° को मकबूलियत दिला दी। कहना न होगा कि कई दफा किसी बात को तà¥à¤°à¤‚त कहना ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जरà¥à¤°à¥€ होता है और टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° ने इसी जरà¥à¤°à¤¤ को पूरा किया।
नया रूप, नई बातें
माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग के पदारà¥à¤ªà¤£ और टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की मकबूलियत से कà¥à¤› नये शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का सृजन à¤à¥€ हà¥à¤† है, नोश फ़रमायें
- टà¥à¤µà¥€à¤Ÿà¤ƒ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤— पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿
- टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤°à¤ƒ टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾
- टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¥‹à¤¸à¥à¤«à¤¼à¥€à¤¯à¤°à¤ƒ टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° संसार
- मिसटà¥à¤µà¥€à¤Ÿà¤ƒ à¤à¤¸à¥€ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤— पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ जिस पर आपको खेद हो। टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पोसà¥à¤Ÿ हटाने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ तो देता है पर संपादित करने या वापस लेने की नहीं।
à¤à¤¸à¥‡ और à¤à¥€ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के बारे में जानिये इस विकीपृषà¥à¤ पर।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° मैशअप
जाल पर टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° जैसी तो सेंकड़ों सेवायें हैं पर इसके जैसा नाम किसी का नही है। टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° से जà¥à¥œà¥‡ निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित मैशअप खासे लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ हैं
- टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤µà¤¿à¤œà¤¼à¤¨à¤ƒ यह विशà¥à¤µ के नकà¥à¤¶à¥‡ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ जगहों से à¤à¥‡à¤œà¥‡ जा रहे संदेशों के बारे में बताता है।
- टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤¹à¥‰à¤²à¤¿à¤•ः 100 सवारà¥à¤§à¤¿à¤• फॉलोवरà¥à¤¸ वाले पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं की पायदान।
- समà¥à¤®à¤¾à¤ˆà¤œà¤¼à¤ƒ टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° का खोज इंजन, जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2008 में इस सेवा को टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° ने खरीद लिया है।
- टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¥‡à¤°à¤¿à¤«à¤¿à¤• , टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤«à¥‰à¤•à¥à¤¸ जैसे अनेक तंतà¥à¤°à¤¾à¤‚श व बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° à¤à¤•à¥à¤¸à¤Ÿà¥‡à¤‚शन आपको टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर संदेश अपने कंपà¥à¤¯à¥‚टर से à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ देते हैं।
à¤à¤¸à¥‡ और à¤à¥€ मैशअप के बारे में जानिये इस विकीपृषà¥à¤ पर।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° के आने के बाद से कई अनियमित चिटà¥à¤ ाकार तो खà¥à¤¶ हà¥à¤¯à¥‡ ही, अनेक नियमित लेखकों ने à¤à¥€ अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— लेखन में कमी की बात सà¥à¤µà¥€à¤•ारी है। अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर लंबी उबाउ पोसà¥à¤Ÿ लिखने से टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर ननà¥à¤¹à¤¾ सा अपडेट देना कई लोगों को à¤à¤¾à¤¨à¥‡ लगा है। शायद इसकी वजह है टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर अपना संदेश छोड़ना बेहद आसान है और इसमें समय बेहद कम लगता। इन संदेशों को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने वाले तà¥à¤°à¤‚त लेखक को उसके पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ नाम के सामने खास @ चिनà¥à¤¹ लगाकर अपना जवाब à¤à¥€ दे सकते हैं। डंकन इस बात से सहमत हैं कि अनके निजी बà¥à¤²à¥‰à¤— पर लेखन कम हà¥à¤† है पर अपने मà¥à¤–à¥à¤¯ बà¥à¤²à¥‰à¤— पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की बदौलत जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लिखने का मौका मिला है। टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° को मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ बà¥à¤°à¥‡à¤•िंग नà¥à¤¯à¥‚ज़ या रोचक बातें तà¥à¤°à¤‚त बताने के लिये पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हैं और यही खबरें बाद में उनके बà¥à¤²à¥‰à¤— पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से लिखने का मसाला बन जाती हैं।
हालांकि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर सब अचà¥à¤›à¤¾ ही है à¤à¤¸à¥€ बात तो नहीं है। खास तौर पर हालिया महीनों में जब ये सेवा अनिशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से कई बार बंद पड़ गई और जब कà¤à¥€ पà¥à¤¨à¤ƒ शà¥à¤°à¥ की जाती तो अनेक फीचरà¥à¤¸ बंद कर दिये जाते। यह अंदेशा गलत न होगा कि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की खटारा हालत का फ़ायदा हाल ही में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठà¤à¤• अनà¥à¤¯ माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग सेवा पà¥à¤²à¤°à¥à¤• को मिला है। डंकन यह बात मानते हैं कि लोगों ने अनà¥à¤¯ सेवाओं का रà¥à¤– किया है। “पर तकनीकी दिमाग वाले लोगों को पà¥à¤²à¤°à¥à¤• उतना पसंद नहीं आ रहा। फà¥à¤°à¥‡à¤‚डफीड की बà¥à¤¤ जारी है और हर रोज़ इससे नये लोग जà¥à¥œà¤¤à¥‡ जा रहे हैं”, डंकन कहते हैं।
बात सिरà¥à¤« माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग की ही की जाय तो ढेर सारे लोगों को फॉलो करने वाले पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को संदेशों की बाॠसे निबटना सीखना होता है। कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ होते हैं जो पचासों बार अपने बारे में संदेश à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ हैं और सारी बातें वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त ही हों तो असंबदà¥à¤§ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के लिये यह सरदरà¥à¤¦à¥€ का सबब à¤à¥€ बन सकते हैं।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पर अपने बारे में बताने की उतà¥à¤•ंठा à¤à¥€ कई बार हदें पार कर जाती हैं। देखा जाय तो तो बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग करने वालों का इस इचà¥à¤›à¤¾ से पहले à¤à¥€ नाता पड़ चà¥à¤•ा होता है। समय पर टà¥à¤µà¥€à¤Ÿ न करने पर फॉलोवरà¥à¤¸ की संखà¥à¤¯à¤¾ कम होने का अंदेशा रहता है, संदेश à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ समय à¤à¥€ सोचना होता है कि कà¥à¤¯à¤¾ यह संदेश साà¤à¤¾ करने लायक है या नहीं। जैसे जैसे आपके फॉलोवरà¥à¤¸ की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ जाती है यह मानसिक दबाव à¤à¥€ बà¥à¤¤à¤¾ चला जाता है।
तो टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° पारंपरिक चिटà¥à¤ ाकारी से कितना अलग है? गौरव मानते हैं कि माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग काफी अलग विधा है, “माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग और बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग दोनों साथ जी सकते हैं। मैंने वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ के माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤—िंग आधारित पà¥à¤°à¥‹à¤²à¥‹à¤— थीम के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के बाद यह पाया कि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° महज़ à¤à¤• अलहदा इंटरफेस वाली सेवा नहीं है।”। वाकई यह तà¥à¤²à¤¨à¤¾ गैरवाजिब है। पारंपरिक बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का अपनी आकरà¥à¤·à¤£ और पाठक वरà¥à¤— है, आखिरकार दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤¸à¥€ सेंकड़ों बातें हैं जो 140 अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में समेटी नहीं जा सकती। किसी à¤à¥€ सरà¥à¤œà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• विधा की ही तरह पारंपरिक निबंधातà¥à¤®à¤• बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग का अंत होना असंà¤à¤µ ही है। मसलन, किसी टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°à¤° को उसके माइकà¥à¤°à¥‹à¤¬à¥à¤²à¥‰à¤— के आधार पर पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लिखने का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ मिले इस बात के आसार कम ही हैं।
टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की बेतकलà¥à¤²à¥à¤« बातचीत के माधà¥à¤¯à¤® के रूप में à¤à¤• अलहदा जगह बन ही गई है, बातें जो हम दफà¥à¤¤à¤° में कॉफी मशीन के पास या नà¥à¤•कà¥à¥œ पर यार दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के साथ करते हैं। टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° की सादगी उसकी पहचान है और इसने आनलाईन संपरà¥à¤• के à¤à¤• नये और खास माधà¥à¤¯à¤® के रूप में अपनी जगह बना ली है।
छपते छपते: इस लेख को अंतिम रूप देते समय (बमारà¥à¤«à¤¤ ओम मलिक) खबर पकà¥à¤•ी हà¥à¤ˆ है कि टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤° ने अपनी ही पर आधारित खोज ईंजन समà¥à¤®à¤¾à¤ˆà¤œà¤¼ को खरीद लिया है। सौदे की कीमत 80 लाख डॉलर से अधिक आà¤à¤•ी जा रही है।




