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Avijit Mukul Kishore or Mukul, as he prefers to be called, is a film director and cinematographer based in Mumbai. Mukul was born in Lucknow on 29 August 1969. He grew up in Delhi studying at Salwan Public school and Sardar Patel Vidyalaya. He is a graduate in history from Hindu college of New Delhi. During 1987-1992, he worked with Feisal Alkazi's Music Theatre Workshop, as well as working for programmes aimed at children and adolescents on Doordarshan, the Indian state TV channel. After a course of cinematography at the Film and Television Training Institute (FTII) in Pune (India) in 1995, he came to Mumbai. In a short span of time, he has built up an impressive portfolio of work as a cameraman, some of which has been shown at international film festivals and has won critical acclaim.
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जन्मः जून १९६०, झारखंड की राजधानी राँची में। राँची विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातकोत्तर के पश्चात काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से भौतिकी में पी. एच.डी। भारतीय प्रॊद्योगिकी संस्थान, मुम्बई में सी. एस.आई. आर की शोधवृत्ति पर शोध परियोजना के अंतर्गत कुछ वर्षों तक शोधकार्य। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्टीय वैझानिक शोध पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित। छात्र जीवन में ही काव्य लेखन की शुरूआत। प्रारंभ में कालेज पत्रिका एवं आकाशवाणी तक सीमित। साहित्य से जुड़ाव एवं अपने को अभिव्यक्त कर पाने की क्षमता उस वातावरण की देन है जो उनके घर में सहज सुलभ था। इसी वजह से वैझानिक शोधकार्य के दिनों में भी लेखन क्षमता पल्लवित होती रही। पहली कहानी २००२ में जनसत्ता में प्रकाशित। उसी वर्ष विवाहोपरान्त अमेरिका आने पर यह सिलसिला विश्व हिन्दी न्यास, न्यूयॉर्क की पत्रिका "हिन्दी जगत" के माध्यम से पुन: जुड़ा। अब तक लगभग सभी प्रमुख वेब पत्रिकाओं/पत्रिकाओं यथा अनुभूति, कृत्या, हिन्दी नेस्ट, साहित्य कुंज, कलायन तथा पुरवाई( लंदन), स्पाइल-दर्पण (नार्वे), कथाक्रम तथा वर्तमान साहित्य में कविताएँ, कहानियाँ प्रकाशित। कहानी "रोड टेस्ट" का तेलुगू में अनुवाद एवं "आन्ध्र ज्योति में प्रकाशन। इलानरेन के नाम से भी लेखन। एक काव्य संग्रह "धूप का टुकड़ा" प्रकाशनाधीन। अपने अधूरे अनाम उपन्यास पर पिछले वर्ष से कार्यरत। लेखन के अतिरिक्त योग, रेकी, बागवानी, फ़ोटोग्राफ़ी, पर्यटन एवं पुस्तकें पढ़ने में रुचि। टामबाल कालेज, ह्यूस्ट्न में भौतिकी एवं गणित का प्राध्यापन। संप्रति हूस्टन, अमरीका में वास।
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रविन्द्र कालिया हिन्दी साहित्य जगत के सुपरिचित लेखक हैं‚ इनकी पत्नी ममता कालिया भी लोकप्रिय उपन्यासकार और कथा लेखिका हैं। दो वयस्क होते बच्चों के पिता रविन्द्र बड़े जीवन्त व्यक्ति हैं। रविन्द्र कालिया उन विरल रचनाकारों में से एक हैं‚ जिन्होंने पिछले अरसे में कहानी में शिल्प‚ शैली और संवेदना के स्तर पर कई परिवर्तन किये हैं। उनकी लेखकीय परिपक्वता‚ सहजता और साहस का दस्तावेज है 'गालिब छुटी शराब'। जिगर की गम्भीर बीमारी से जूझते हुए जहाँ कोई रचनाकार टूट कर बिखर जाता वहीं रविन्द्र जी ने उसी संघर्ष को अपना पाथेय बना बड़ी बेबाकी से उसे पाठकों से रूबरू करवाया है। रविन्द्र ने अब तक की अपनी ज़िन्दगी में चित्र–विचित्र बहुत से रंग देखे हैं‚ और हर हाल में मस्त रहे हैं। उनकी चौबीस प्रकाशित मौलिक पुस्तकें इसकी भरपूर मिसाल हैं।
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प्रोफ़ेसर यश पाल (जन्म: २६ नवंबर १९२६) भारतीय शिक्षाविद व वैज्ञानिक हैं। यश पंजाब विश्वविद्यालय से १९४९ में भौतिकी में स्नातक बने और १९५८ से मैसेश्यूसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेकनलाजी से इसी विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। यश पाल अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे हैं जिन में शामिल हैं योजना आयोग में मुख्य सलाहकार (१९८३-१९८४), विज्ञान व तकनलाजी विभाग में सचिव (१९८४-१९८६) तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में अध्यक्ष (१९८६-१९९१)। पाल दूरदर्शन पर अत्यंत चर्चित विज्ञान कार्यक्रम टर्निंग प्वाईंट में भागीदारी व विज्ञान को साधारण शब्दों में आम जनता तक पहुंचाने के प्रयासों के कारण लोकप्रिय रहे हैं। वे भारत की छाप जैसे टीवी के विज्ञान कार्यक्रमों के सलाहकार मंडल में भी शामिल रहे हैं।
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