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रविन्द्र कालिया हिन्दी साहित्य जगत के सुपरिचित लेखक हैं‚ इनकी पत्नी ममता कालिया भी लोकप्रिय उपन्यासकार और कथा लेखिका हैं। दो वयस्क होते बच्चों के पिता रविन्द्र बड़े जीवन्त व्यक्ति हैं। रविन्द्र कालिया उन विरल रचनाकारों में से एक हैं‚ जिन्होंने पिछले अरसे में कहानी में शिल्प‚ शैली और संवेदना के स्तर पर कई परिवर्तन किये हैं। उनकी लेखकीय परिपक्वता‚ सहजता और साहस का दस्तावेज है 'गालिब छुटी शराब'। जिगर की गम्भीर बीमारी से जूझते हुए जहाँ कोई रचनाकार टूट कर बिखर जाता वहीं रविन्द्र जी ने उसी संघर्ष को अपना पाथेय बना बड़ी बेबाकी से उसे पाठकों से रूबरू करवाया है। रविन्द्र ने अब तक की अपनी ज़िन्दगी में चित्र–विचित्र बहुत से रंग देखे हैं‚ और हर हाल में मस्त रहे हैं। उनकी चौबीस प्रकाशित मौलिक पुस्तकें इसकी भरपूर मिसाल हैं।
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प्रोफ़ेसर यश पाल (जन्म: २६ नवंबर १९२६) भारतीय शिक्षाविद व वैज्ञानिक हैं। यश पंजाब विश्वविद्यालय से १९४९ में भौतिकी में स्नातक बने और १९५८ से मैसेश्यूसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेकनलाजी से इसी विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। यश पाल अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे हैं जिन में शामिल हैं योजना आयोग में मुख्य सलाहकार (१९८३-१९८४), विज्ञान व तकनलाजी विभाग में सचिव (१९८४-१९८६) तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग में अध्यक्ष (१९८६-१९९१)। पाल दूरदर्शन पर अत्यंत चर्चित विज्ञान कार्यक्रम टर्निंग प्वाईंट में भागीदारी व विज्ञान को साधारण शब्दों में आम जनता तक पहुंचाने के प्रयासों के कारण लोकप्रिय रहे हैं। वे भारत की छाप जैसे टीवी के विज्ञान कार्यक्रमों के सलाहकार मंडल में भी शामिल रहे हैं।
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वर्जीनिया स्थित वेनोना हॉटर को ऊर्जा, अन्न, जल एवं वातावरण से जुड़े मुद्दों पर राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर व्यापक कार्यानुभव है। वे 1997 में पब्लिक सिटिज़न के साथ जुड़ीं, और निर्देशक बनीं उसके क्रिटिकल मास ऍनर्जी ऍंण्ड ऍन्वाइरनमेंट प्रोग्राम की, जो अणु-शक्ति, अणु-जूठन, ऊर्जा नीति, अन्न सुरक्षा और जल सम्बन्धी मुद्दों पर केन्द्रित है। वेनोना मेरीलैंड विश्वविद्यालय से ऍन्थ्रोपॉलोजी में स्नातकोत्तर हैं।
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मंडीबामौरा (मध्य प्रदेश) में जन्म। विदिशा के एस.एस.एल.जैन कालेज से गणित में एम.एस.सी. प्रथम श्रेणी प्रथम। एक वर्ष कालेज के ही गणित विभाग में अध्यापन। 1992 में पत्रकारिता की ओर रुख। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से 1993 में स्नातक की उपाधि, प्रथम श्रेणी प्रथम। तत्पश्चात एक वर्ष दैनिक नई दुनिया भोपाल और फिर नई दुनिया इंदौर में 1 वर्ष रिपोर्टिंग। 2003 में प्रिंट से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रवेश, 'सहारा समय' न्यूज चैनल में संवाददाता रहे। 1997 से 2002 तक श्रेष्ठ रिपोर्टिंग के लिये कई अवार्ड। आलेख संग्रह 'प्रिय पाकिस्तान' प्रकाशित। उपन्यास 'अंतर्कथा' अप्रकाशित। संप्रति दैनिक भास्कर, भोपाल में विशेष संवाददाता के रूप में पदस्थ।
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