Category: वातायन
नेताजी का à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤·à¤£
1857 में हà¥à¤ˆ आज़ादी की पहली लड़ाई की 150वीं वरà¥à¤·à¤—ाà¤à¤ इस वरà¥à¤· देश à¤à¤° में मनाई जा रही है। इस मौके पर नेताजी सà¥à¤à¤¾à¤· चंदà¥à¤° बोस दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिठगठà¤à¤• दà¥à¤°à¥à¤²à¤ à¤à¤¾à¤·à¤£ को हम पहली बार हिनà¥à¤¦à¥€ में पेश कर रहे हैं। यह à¤à¤¾à¤·à¤£ नेताजी ने समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ-कवि बहादà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¹ ज़फ़र की मज़ार पर हà¥à¤ आज़ाद हिनà¥à¤¦ फौज की आनà¥à¤·à¥à¤ निक कवायद और जलसे में 11 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 1944 को दिया था। हिनà¥à¤¦à¥€ अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ व पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤ƒ अफ़लातून।
गालिब छà¥à¤Ÿà¥€ शराब : à¤à¤¾à¤— 1
‘नया जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‹à¤¦à¤¯’ के संपादक रविनà¥à¤¦à¥à¤° कालिया का नाम परिचय का मोहताज नहीं है। हमें हरà¥à¤· है कि अपने संसà¥à¤®à¤°à¤£ "गालिब छà¥à¤Ÿà¥€ शराब" को निरंतर में धारावाहिक रूप से पà¥à¤°à¤•ाशित करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दी है। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ इसका पà¥à¤°à¤¥à¤® à¤à¤¾à¤—। आà¤à¤¾à¤°à¤ƒ पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ व पà¥à¤°à¤¬à¥à¤¦à¥à¤§à¥¤
पिपà¥à¤ªà¥€ के मोज़ों में कबाड़ से जà¥à¤—ाड़
पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• समीकà¥à¤·à¤¾ में रवि रतलामी व देबाशीष लाये हैं बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के लिये नायाब पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ें जिनमें शामिल हैं खेल खेल में विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ सिखाने वाली "कबाड़ से जà¥à¤—ाड़" तथा "जॉय आफ मेकिंग इंडीयन टॉयà¥à¤œà¤¼", जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¤°à¥à¤§à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•ें "खिलौनों का खज़ाना" और "नज़र का फेर" तथा कथा कहानी के शौकीनों के लिये "समंदर और मैं" तथा "पिपà¥à¤ªà¥€ लंबेमोज़े"।
लाल परी – à¤à¤¾à¤— 4
वातायन में आप पॠरहे हैं विशà¥à¤µ की पहली इंटरैकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ धारावाहिक कथा "लाल परी"। पिछले तीन à¤à¤¾à¤—ों में, जैसा आपने चाहा था, नाटकियता थी और अरू और केडी की मसà¥à¤¤ चैट। यदि आप पिछले à¤à¤¾à¤— में लेखिका पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लाई अपà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤à¤¤à¤¾ से हैरान थे तो कहानी का ये चौथा और अंतिम à¤à¤¾à¤— शायद आपको बाल नोंचने पर मजबूर कर दे। इस अंक में पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ इस रोचक कथा का पटाकà¥à¤·à¥‡à¤ªà¥¤
जापानी हायकू का उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¾à¤¦
जापानी साहितà¥à¤¯ की à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विधा हायकू तीन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में लिखी जाने वाली कविता है। कà¥à¤² सतà¥à¤°à¤¹ अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में पूरà¥à¤£ अरà¥à¤¥ संपà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ करना हायकू की कसौटी होती है। अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ ने हाल ही में शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ डा.अंजलि देवधर दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये मूल जापानी से अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में अनà¥à¤¦à¤¿à¤¤ 32 महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कवियों की 100 उतà¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ हायकू कविताओं के हिंदी में उलà¥à¤²à¥‡à¤–नीय अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤¾ और काफी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤¯à¥‡à¥¤

