Category: वातायन
घसीटा या दीप
"उसका नाम दीप था। घसीटा या à¤à¥‚रा नहीं। विकास के नाम पर कà¥à¤¯à¤¾ इतना काफी नहीं? घसीटा से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घसीटे गठअरà¥à¤§à¤•िशोर बालक का नाम à¤à¤•दम साहितà¥à¤¯à¤¿à¤•। पर उसे देख मैं यही सोचती, काश इसका नाम घसीटा होता, हो सकता है महादेवी जी की आतà¥à¤®à¤¾ जीवनà¥à¤¤ हो उठती।" पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ डॉ रति सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ रचित मारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤®à¤°à¤£à¥¤
सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• अवकाश
खबर थी कि अब गृहिणियों को à¤à¥€ क़ानूनन सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• दिन छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ मिलेगी। पूरे दिन की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€à¥¤ पर यह कà¥à¤¯à¤¾ इसे सà¥à¤¨à¤•र गृहिणियाठतो सोच में पड़ गईं कि खà¥à¤¶ हà¥à¤† जाठया दà¥à¤ƒà¤–ी हà¥à¤† जाà¤à¥¤ पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ रविशंकर शà¥à¤°à¥€à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¤à¤µ की चà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥€ रचना।
खो गठओ घन कहाठतà¥à¤®
वातायन के कावà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤— में आसà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ कीजिये दीपा जोशी की कविता "सूना जीवन" और अरूण कà¥à¤²à¤•रà¥à¤£à¥€ रचित कविता "अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤¸à¤¾" का।
ग़ज़लें रंगारंग
शेरजंग गरà¥à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ संकलित व संपादित गज़लें रंगारंग ग़ज़लों के इंदà¥à¤°à¤§à¤¨à¥à¤·à¥€ रंगों में पाठक को सराबोर करने का à¤à¤• सारà¥à¤¥à¤• पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ है, कहना है पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• की समीकà¥à¤·à¤¾ कर रहे रवि रतलामी का।
अंगने की होली
"न जाने कितने तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª खिसक जाते हैं कालनिरà¥à¤£à¤¯ रसोईघर की à¤à¥€à¤¤ पर टंगा-टंगा। सब तà¥à¤¯à¥‹à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के नाम कान में बà¥à¤¦à¤¬à¥à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ रहता है…मन मामा के आà¤à¤—न में उस तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° को मना आता है।" वातायन में पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ डॉ रति सकà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ रचित मारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤®à¤°à¤£ "अंगने की होली"।
