EG-Series: मार्च 2005

कम्पयूटर स्त्रीलिंग है या पुर्लिंग?

घर, दफ्तर, सड़क हर जगह मुसीबतें आतीं हैं, सेंकड़ों सवाल उठ खड़े हो जाते हैं। अब सर खुजलाते खुजलाते हमारे रडार पर एक महारथी की काया दिखी तो उम्मीद कि किरणें जाग उठीं। प्रश्न चाहे किसी भी विषय पर हों, साहित्यिक हों या हों जीवन के फलसफे पर, सरल हो या क्लिष्ट, नॉटी हो या शिष्ट, विषय बादी हों या मवादी, कौमार्य हो या शादी, पूछे जायेंगे बेझिझक फुरसतिया से!

आस्कजीव्स ने निगला ब्लॉगलाईंस को

क्या याहू सिक्स आपार्ट को हथिया लेगा? क्या गूगल अब डोमेन भी बेचेगा? ये और ढेर सारी और खबरें। पढ़िए माह के दौरान घटित ब्लॉगजगत से संबंधित खबरें तड़के के साथ।

आज रात तीन चाँद खिले हैं!

वातायन है निरंतर का साहित्य प्रकोष्ठ यानि कि ब्लॉगजगत के बाशिंदो कि साहित्यिक प्रतिभा का झरोखा। इस अंक में प्रस्तुत है रविशंकर श्रीवास्तव की लघुकथा "प्रशिक्षु", अतुल अरोरा की हास्य कविता "तीन चाँद" और देबाशीष चक्रवर्ती की कविता "महानगर"।

मिक्स मसाला

मिक्स मसाला में चिट्ठा जगत के छाया कौशल से आँखें चार कीजिए "आँखन देखी" स्तंभ में जहाँ बिखरेंगी नौसिखिये छायाकारों के चित्रों की चटकदार छटा। इस अंक में रसस्वादन करें जितेन्द्र चौधरी और अतुल अरोरा के कैमरों के कमाल का। "आबो हवा" में खबर लीजीये भारतीय भाषाओं के ब्लॉगजगत के बैरोमीटर की और सुनिये ब्लॉगिंग के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं के बढ़ते कदमों कि आहट।

अच्छा अंतर्जाल कहां चला गया?

हुसैन द्वारा संकलित अंर्तजाल के कोने कोने से चुनी बेहद रोचक कड़ियाँ, कुछ खट्टी कुछ मीठी।