वाह वाह रामजी!

वाह वाह रामजी!

समस्या पूर्तिसमस्या पूर्ति की नई समस्या पर आपका स्वागत है। इस चित्र और दिये शीर्षक पर ध्यान दीजिये और रच डालिए एक छोटी सी कविता। कविता ज्यादा बड़ी न हो तो अच्छा, चार लाईना हो तो उत्तम, हाइकू हो तो क्या कहनें! शीर्षक मुख्यतः भाव के लिए है, पर आप इसे कविता में प्रयोग कर सकते हैं। यदि आपकी रचना निरंतर संपादक मंडल को पसंद आ गई तो आप का नाम अगले अंक में विजेता कर रूप में प्रकाशित होगा। अपनी प्रविष्टि टिप्पणी के माध्यम से ही दें, ईमेल द्वारा भेजी प्रविष्टि मान्य नहीं होगी।

प्रतियोगिता के नियम:

  • कविता इस पोस्ट पर अपने टिप्पणी (कमेंट) के रूप में ही प्रेषित करें। ईमेल या निरंतर रचना भेजने के फॉर्म द्वारा प्रविष्टि स्वीकार्य नहीं होगी।
  • रचना मौलिक व पूर्व अप्रकाशित होनी चाहिए।
  • एक प्रेषक से एक ही प्रविष्टि स्वीकार्य होगी।
  • संपादक मंडल का निर्णय साधारण अथवा विवाद की स्थिति में अंतिम व सर्वमान्य होगा।
  • संपादक मंडल व उनके परिवार के सदस्य इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकते।
  • रचना भेजने की अंतिम तिथि हैः 25 फरवरी 2007

पिछली प्रतियोगिता के परिणाम:

अक्टुबर 2006 की समस्या पूर्ति में अनेकों प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं। सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद!

सारी प्रविष्टियाँ बहुत अच्छी थीं पर संपादक मंडल ने बहुमत से तरुण की निम्नलिखित प्रविष्टि को सर्वश्रेष्ठ माना। तरुण को हमारी हार्दिक बधाई!

मन कहे इतना ना बरसो,
भूखे रहना ना पड़े कल परसों।
खेती काटने का वक्त है आया,
डूब जाये ना सारी सरसों।