लेखक परिचय: निरंतर पत्रिका दल
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वेबसाईट:परिचय:निरंतर हिन्दी चिट्ठाकारों के एक समूह का अभिनव प्रयोग है। यह पहली ऐसी पत्रिका है जो न केवल गैरपेशेवर प्रकाशकों द्वारा निकाली जाती है बल्कि पाठकों को प्रकाशित लेखों पर त्वरित टिप्पणी करने का मौका भी देती है। इस तरह ये सिर्फ ज़ीन नहीं, विश्व की प्रथम ब्लॉगज़ीन बन सकी। |
निरंतर द्वारा लिखित आलेख:
- देख तमासा, 12 Jul 2008 in समस्या पूर्ति
- नेताजी का ऐतिहासिक भाषण, 29 May 2007 in वातायन
- वाह वाह रामजी!, 10 Feb 2007 in समस्या पूर्ति
- मन कहे, 04 Nov 2006 in समस्या पूर्ति
- ऐ इंसानों, ओस न चाटो!, 09 Aug 2006 in वातायन
- मस्त रहो न यार, 06 Aug 2006 in समस्या पूर्ति
- ट्रैफ़िक जाम और सपने, 01 Aug 2005 in सारांश
- जल है धरती की धमनी का रक्त, 01 Aug 2005 in आमुख कथा
- टेक्नोराती नये रूप में, 01 Jul 2005 in हलचल
- जीवन है मरीचिका, 01 Jul 2005 in वातायन