जून 2005 का कच्चा चिट्ठा


image जून 2005 के कच्चा चिट्ठा स्तंभ में मिलिये निट्ठला चिंतन के लेखक तरुण जोशी और नौ दौ ग्यारह के लेखक आदि चिट्ठाकार आलोक कुमार से। »


चिठ्ठाकारी को ज़्यादा गँभीरता से न लें


image ब्लॉग नैशविल गोष्ठी पर एक रपट, अंतर्जाल पर हिन्दी के बढ़ते चरण, न्यूज़गेटर द्वारा फ़ीड-डेमन का अधिग्रहण, आई.बी.एम ने कर्मचारियों को दी चिट्ठाकारी करने की छूट, तीसमारखाँ ब्लॉगर और ऐसी ही और खबरें हलचल में। »


परिपक्व हो जायेंगे तब भोली भाली बातें करेंगे


image आजकल के बच्चों मे बचपना क्यों नज़र नही आता? हिंदुस्तानी फिल्मों में इतने गाने क्यों होते हैं? नेताओं के स्वागत पोस्टर में नाम के आगे "मा." क्यों लिखा रहता है? भूख क्यों लगती है? सारे जवाब यहाँ दिये जायेंगे, फुरसत से। ससूरा गूगलवा भला अब किस काम का, पूछिये फुरसतिया से! »


बांगड़ू कोलाज और चाबुक की छाया


निरंतर में चिट्ठा चर्चा का यह दूसरा अंक है। चिट्ठा चर्चा में पढ़िये भारतीय ब्लॉगमंडल के खास चिट्ठों बीते माह के दौरान की चहल पहल का जायजा, अनूप शुक्ला की अपनी खास शैली में। »


आइए वर्डप्रेस अपनाएँ


यदि आपके पास अपना जालस्थान या वेबस्पेस उपलब्ध है तो आप अपने ब्लॉग को एक ऐसे ब्लॉगिंग तंत्रांश पर स्थापित कर सकते हैं जिसके दीवाने दुनिया भर में हैं। निरंतर के वर्डप्रेस विशेषाँक के अन्तर्गत प्रस्तुत है रमण कौल का आलेख जिसकी मदद से आप वर्डप्रेस पर अपना चिट्ठा शुरू करने की चाहत को मूर्त रूप दे सकते हैं। »


वर्डप्रेस की सफलता का श्रेय प्रयोक्ताओं को


image ह्यूस्टन, अमरीका में जन्में मैट मुलनवेग केवल 20 वर्ष के हैं और अंतर्जाल तकनलाजी के दीवाने हैं। मुक्त लाईसेंस वाले ब्लॉगिंग सॉफ्टवेयर तथा अर्थगत व्यक्तिगत प्रकाशन आधार वर्डप्रेस के वे प्रमुख विकासकर्ता हैं। »