आमुख कथा

असली भारत के लिये असली शिक्षा


image हमारी शिक्षा पद्धति में बच्चे भारी बैग लिये फिरते हैं, जोर रहता हैं रटन विद्या और परीक्षाओं पर। यहाँ पाठ्यक्रम में बाहर से अर्जित ज्ञान, हुनर और काबलियतों को स्थान नहीं मिलता। शिक्षाविद व राष्ट्रीय शोध प्रोफेसर यश पाल मानते हैं कि आधुनिक औपचारिक शिक्षा तंत्र में प्रकृति और जीवन से सीखे हुनर को शामिल करना भी ज़रूरी है। »


शिक्षा में आईसीटीः वक्त का तकाज़ा


दस लाख पाठशालायें जहाँ 90 फीसदी बच्चे 12वीं तक स्कूल ही छोड़ देते हैं। सालाना 3,50,000 स्नातक जिनमें महज 15 फीसद ही नौकरी के लायक होते हैं। केवल मुट्ठी भर लोगों के लिये ही शानदार काम कर रहे हमारे शिक्षा तंत्र में सुधार कैसे लाया जाये बता रहे हैं शिक्षाविद व अर्थशास्त्री अतानू दे। »


बुलबुले के घर?


image क्या भारतीय प्रॉपर्टी बाज़ार की कीमतों में अव्यावाहारिक उछाल बाजार में मांग और पूर्ति के नियमों पर आधारित है, या फिर एक फूलते बुलबुले का हिस्सा है जो जब भी फटे तबाही ही बरपा करेगा? आमुख कथा में जगदीश भाटिया और देबाशीष चक्रवर्ती के खोजी आलेख को पढ़िये और निर्णय लीजिये। »


एक दहकते शहर की दास्तान


image धरती के अनगिनत दरारों से उफनती गर्म ज़हरीली गैसें, ज़मीन इतनी गर्म कि जूते के तले गल जायें, हवा साँस लेने के लिये नाकाफी। जैसे दोज़ख उतर आया हो धरा पर। सेंट्रालिया एक ऐसा शहर है जहाँ भूमीगत खदानों की ऐसी ही आग ने वहाँ के बाशिंदो से उनकी ही ज़मीन हड़प ली। आमुख कथा में पढ़िये सेंट्रालिया जा चुके अतुल अरोरा का लोमहर्षक आलेख। »


पल में कोला, पल में तमाशा


image कोला में कीटनाशक पाये जाने के बाद कोई कहता है कि एमएनसी विकासशील देशों में निम्नतर स्वास्थ्य मानक चलने देतीं हैं, तो कोई एनजीओ पर शक करता है। क्या "एकीकृत खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम" द्वारा आनुवांशिक इंजीनियरिंग से विकसित खाद्य पदार्थों के भारतीय बाजारों में प्रवेश के चोर दरवाजे खुल गये हैं? पढ़िये अफलातून देसाई और अर्जुन स्वरूप की रोचक बहस। »


एड्स पर फिल्में : अच्छी शुरुवात


image एचआईवी-एड्स के विषय पर बनी हिंदी फीचर फिल्मों की गिनती करने के लिये तो हाथों की उँगलियाँ की भी जरुरत नहीं क्योंकि अभी तक केवल दो ही ऐसी फिल्में बनी हैं। पढ़ें अविजित मुकुल किशोर की खरी खरी। »


भारत में एड्सः शतुरमुर्ग सा रवैया


image एड्स को हमारे जीवन में आये पच्चीस साल हो गये। भारत अब विश्व की सर्वाधिक एचआईवी संक्रमित जनसंख्या वाला देश बन गया है। इस से निबटने के लिये मजबूत रीढ़ वाले नेतृत्व की दरकार है जो इससे आपदा नियंत्रण की तौर पर नहीं वरन योजनाबद्ध तरीके से लोहा ले। पढ़िये डॉ सुनील दीपक की आमुख कथा। »


एड्स से कैसे बचा जाए


image एड्स के संक्रमण के तीन मुख्य स्रोत हैं - यौन संबंध, रक्त द्वारा तथा माँ से शिशु को संक्रमण। यानी एड्स से कोई भी सुरक्षित नहीं। पर क्या एड्स से बचा जा सकता है? जी बिल्कुल! बचाव के तरीके जानने के लिये पढ़ें रमण कौल का आलेख। »


सीधी बात कहने का क्या किसी में दम नहीं?


image हमारे समाज में खुले तौर पर यौन विषयों पर बात करना टेढ़ी खीर है। चाहे टीवी हो, रेडियो या फिर प्रिंट माध्यम,  हिचक साफ दिखती है। हालांकि यदाकदा कुछ ऐसे प्रयास हो जाते हैं जिनकी तारीफ करना भी ज़रूरी है। पढ़िये रवि श्रीवास्तव का आलेख। »


पानी का अभाव – धारणाएँ, समस्याएँ और समाधान


image जल मनुष्य की बुनियादी ज़रूरत है, इसे मानवाधिकार का दर्जा भी दिया जाता है। इसके बावजूद दुनिया भर में लगभग 100 करोड़ लोगों के पास शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं होता। कहा जाता है कि सन् 2025 तक विश्व की 50 फीसदी आबादी भयंकर जल संकट झेलने को मजबूर होगी। इस संकट की जड़ क्या है? इस से मुकाबला कैसे किया जाये ताकि "सबके लिये पानी" का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके? प्रस्तुत है इन सारे विषयों और जल से जुड़े अन्य मुद्दों पर विहंगम दृष्टि डालता चंद्रिका रामानुजम व राजेश राव का आलेख। »