EG-Series: मई 2005

खो गए ओ घन कहाँ तुम

वातायन के काव्य प्रभाग में आस्वादन कीजिये दीपा जोशी की कविता "सूना जीवन" और अरूण कुलकर्णी रचित कविता "अभिप्सा" का।

आस्था की तुष्टि से संतोष मिलता है

रात के बाद सबेरा होता है या सबेरे के पहले रात? आजकल हसीनों में शर्मोहया क्यों नहीं है? पूजा के समय भगवान को प्रसाद व भोग चढ़ाया जाता है, यह जानते हुये भी कि अंतत: खाना इन्सान को ही है। आखिर क्यों? ऐसे ही टेड़े सवालों के मेड़े जवाब दे रहे हैं हाजिर जवाब फुरसतिया!

बच के रहना

एक चित्र जिस पर आप अपनी कल्पनाशीलता परख सकते हैं और जीत सकते हैं रेबेका ब्लड की पुस्तक "द वेबलॉग हैन्डबुक" की एक प्रति। भाग लीजिये समस्या पूर्ति प्रतियोगिता में।

खोज सर्वोत्तम चिट्ठाकार की

क्या "दा-विन्ची कोड" किताब वास्तव में नकल है? एक फ्राँसीसी व्यक्ति ने 25,000 भारतीय गीतों के अधिकार क्यों खरीदे? जर्मनी के एक प्रांत में मेंढ़क गुब्बारों की तरह फूल कर क्यों फूट रहे हैं? आस्वादन कीजिये हुसैन द्वारा संकलित, रमण कौल तथा अतुल अरोरा द्वारा अनुवादित, अंर्तजाल के कोने कोने से चुनी बेहद रोचक कड़ियाँ।

ये कश्मीर मुझे दे दे ठाकुर

चिट्ठा चर्चा में पढ़िये अनूप शुक्ल द्वारा उल्लेखनीय चिट्ठों की चर्चा। चिट्ठा जोरदार में पढ़ें विभिन्न चिट्ठों से चुने कुछ मनभावन कथ्य।