EG-Series: अगस्त 2006

ऐ इंसानों, ओस न चाटो!

15 अगस्त को स्वाधीनता दिवस है और यह हमारे देश की स्वतंत्रता का हीरक जयंती वर्ष है। इसी अवसर पर पढ़िये मुक्तिबोध की कविता "ऐ इंसानों, ओस न चाटो!" और सोनी रत्ना की कविता "सीखो बेखौफ़ साँसों का कर्ज़ चुकाना"।

बनाईये करियर, संगठन व जीवन विशिष्ट

"द बिग मू" उपदेशों से भरी किताबों से काफी अलग है जो जीवन में खतरे उठाने और अपने आलोचकों पर ध्यान न देने की हिम्मत देगी, जो केवल किसी व्यक्ति के लिये नहीं वरन किसी संस्थान के लिये भी लागू होती है। पढ़िये 33 लेखकों के अनुभवों के निचोड़ वाली इस पुस्तक की समीक्षा।

मस्त रहो न यार

समस्या पूर्ति निरंतर का ऐसी प्रतियोगिता स्तंभ है जिसमें दिये हये चित्र और शीर्षक एक छोटी सी कविता लिखनी होती है। कविता ज्यादा बड़ी न हो तो अच्छा, चार लाईना हो तो उत्तम, हाइकू हो तो क्या कहनें! तो क्या आप तैयार हैं भाग लेने के लिये?

निधि के लेखन का है अंदाज़ खास

कच्चा चिट्ठा में परिचय कीजिये विचारों की अभिव्यक्ति को सर्वोपरि मानने वाली हरफनमौला चिट्ठाकार और चिन्तन की रचयिता निधि से।

एड्स पर फिल्में : अच्छी शुरुवात

एचआईवी-एड्स के विषय पर बनी हिंदी फीचर फिल्मों की गिनती करने के लिये तो हाथों की उँगलियाँ की भी जरुरत नहीं क्योंकि अभी तक केवल दो ही ऐसी फिल्में बनी हैं। पढ़ें अविजित मुकुल किशोर की खरी खरी।