
मुक्त सोर्स परियोजनाओं में अनगिनत जाने पहचाने लोगों का पसीना होता है और बिना किसी लालच व पारिश्रमिक के बनाये गये इन उत्पादों का मोल विशालकाय कंपनियों के नामचीन उत्पादों से कहीं ज्यादा है क्योंकि इन उत्पादों के आसपास पनपते हैं समुदाय, जो स्थान, उम्र, धर्म, लिंग या भाषा से बंधे नहीं हैं। आखिर क्या वजह है कि लोग ऐसी परियोजनाओं में समय लगाते हैं? कैसा लगता है इनमें हिस्सेदारी करना? ये सवाल हमने किये वर्डप्रेस की लोकप्रिय मुक्त सोर्स थीम मांजी के जनक ख़ालेद अबु अल्फ़ा से।
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