उनके श्रीमुख से

 बगल में बम, हाथ में बल्ला,
हम भूले नहीं करगिल का हल्ला।
आया खेल देखने माशा-अल्ला,
दिल से है दहशत का दल्ला।
-रमण कौल

वैसे फ़िलासाफ़िकली (खुराफ़ातिकली) स्पीकिंग, ब्लागर का आर-एस-एस फ़ीड से वही संबंध होता है जो टेरी का खाने की नली से था.
-ईस्वामी

अंगरेजी सीखने मे आधा जीवन खपा डाला , पर अब भी डिक्शनरी सिर पर लादे घूमना पडता है
-अनुनाद सिंह

जीवन के सफर मै
कुछ पाया है कुछ खोया है
दिल में कई तस्वीरों को
प्रेम से सजोंया है
-कालीचरण

घुटनों से भर पेट
फटे आस्मां से ढक बदन
पैबंद लगी ज़मीं पर
सोता हूं मैं आराम से….
-मानोशी चटर्जी

मुश्किलों से जूझता लड़ता रहेगा
आदमी हर हाल में ज़िन्दा रहेगा।
आँधियों का कारवाँ निकले तो निकले
पर दिये का भी सफर चलता रहेगा।
-कमलेश भट्ट कमल

"हे पवनठूसर, मेरी मानवचालित द्विचक्री वाहनी के द्वितीय चक्र में से पवन का पलायन हो चुका है, अतः आप से करबद्ध होकर निवेदन है की आप अपने पवनठूसक यंत्र से तनिक पवन का प्रवेश करायें|

The little boy at the repair shop looked up at him and said "हट्टे कट्टे होके भीख मांगते हो, शर्म नहीं आती|"
-संजय व्यास के ब्लाग से

धर्म छोटे-बड़े नहीं होते ,
जानते तो लड़े नहीं होते.
चोट तो फूल से भी लगती है,
सिर्फ पत्थर कड़े नहीं होते
-विनोद श्रीवास्तव(फुरसतिया के ब्लाग से)

संकलन: जीतेन्द्र चौधरी

मई की आबो हवा

आबो हवायह है ब्लॉगजगत का बैरोमीटर। यहाँ पढ़ें भारतीय भाषाओं के ब्लॉंग के आंकड़ें, बात सिर्फ आंकड़ों की नहीं है, उद्देश्य है कि ब्लॉगिंग के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं के बढ़ते कदमों की आहट यहाँ सुनी जा सके।

इस अंक से पढ़ें ब्लॉगिंग के क्षेत्र से नये नवेले शब्द जो रच रहे हैं ब्लॉगिंग कि नई ज़बां। साथ ही ज़ायका लें जाने अनजाने रोचक तथ्यों का। हमें आपका भी भागीदारी की अपेक्षा है। इस स्तंभ पर अपनी प्रतिक्रिया और सामग्री भेजने का पता है patrikaa एट gmail डॉट कॉम

 

क्या आप जानते हैं कि ट्रैकबैक करने की निराली सुविधा मूवेबल टाईप ने सबसे पहले शुरु की?

तापमान

  • बाँग्लाः 2 (भारतीय लेखक)
  • अंग्रेज़ीः 346+ स्त्रोत
  • गुजरातीः 1
  • हिन्दीः 53 (51 प्रतिशत वृद्धि)
  • कन्नड़ः ?
  • कश्मीरीः 1
  • मलयालमः 4+
  • मराठीः 5
  • उड़ियाः ?
  • पंजाबीः ?
  • सिंधीः 1
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  • तेलगूः 67+ (स्त्रोत: तेलगु ब्लॉगर्स तथा साहिती)

संकेतः + अर्थात संख्या ज़्यादा भी हो सकती है; ? अर्थात आंकड़े उपलब्ध नहीं

 

 क्या आप जानते हैं कि ब्लॉग के लिये चिट्ठा शब्द का प्रयोग पहली बार

 

भाषा रचते शब्द

मेटा‍-ब्लॉगिंगः

ब्लॉग के बारे में ही ब्लॉगिंग करना (देखा जाये तो निरंतर भी इसी का विस्तारण है)

क्षमल फीडः

यह एक तरह का फाइल फार्मेट है जिसके द्वारा ब्लॉग का लेखक अपने लेख को पाठकों के कम्पयूटर तक पहुँचा सकता है। लगभग हर ब्लॉग की अपनी क्षमल (XML) फीड होती है जो आपके चिट्ठे की हर नई प्रविष्टि या बदलाव के उपरांत बदलती रहती है। यह कई प्रारूपों में उपलब्ध है जैसे आर.एस.एस, अणु, RDF आदि। कई लोग इस फीड को ब्लॉगलाईन्स जैसे न्यूज़रीडर की मदद से पढ़ते हैं।

उदाहरण के लिये मान लीजिये आप एक ब्लॉग रोजाना पढते है, और चाहते है कि ब्लॉग पर जो कुछ भी नया लिखा जाये, आपको आपके कम्पयूटर पर ही दिख जाये, ताकि आपको ब्लॉग पढने के लिये सम्बंधित ब्लाग पर जाने के झंझट बच जाये। इसके लिये आपको दो चीजे चाहिये होंगी, (1) क्षमल फीड न्यूज़रीडर (जैसे कि ब्लॉगलाईंस) (2) ब्लॉग के क्षमल फीड का पता (इसके लिये जालस्थल पर नारंगी रंग का XML बटन तलाशें)।