Author: डॉ सुनील दीपक

मनोचिकित्सा से फ़िल्म निर्देशन तक

डॉ परवेज़ इमाम ने चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई पूरी कर मनोचिकित्सक का पेशा अपनाया पर अस्पताल की बजाय उनकी कर्मभूमि बनी वृतचित्र यानि डाक्यूमेंट्री फ़िल्मों की दुनिया। टीवी कार्यक्रम टर्निंग प्वाईंट से शुरुवात कर उन्होंने अब तक अनेकों पुरस्कृत वृत्तचित्रों का निर्माण किया है। संवाद में पढ़ें परवेज़ के जीवन और अनुभव पर डॉ सुनील दीपक से हुई उनकी बातचीत।

फ्यूज़न से संगीत अच्छा नहीं रह जाता

उस्ताद शाहिद परवेज़ ख़ान अपने सितार वादन के लिए भारत के उच्च शास्त्रीय संगीतकारों मेंे गिने जाते है। शाहिद परवेज़ इटावा घराने के हैं और प्रसिद्ध सितार वादक विलायत ख़ान के परिवार से हैं। दिसंबर 2006 में शाहिद इटली स्थित बोलोनिया में अपनी प्रस्तुति देने आये, डॉ सुनील दीपक ने इस मौके पर उनसे हुई विभिन्न विषयों पर बातचीत को प्रस्तुत किया है एक आलेख की शक्ल में।

भारत में एड्सः शतुरमुर्ग सा रवैया

एड्स को हमारे जीवन में आये पच्चीस साल हो गये। भारत अब विश्व की सर्वाधिक एचआईवी संक्रमित जनसंख्या वाला देश बन गया है। इस से निबटने के लिये मजबूत रीढ़ वाले नेतृत्व की दरकार है जो इससे आपदा नियंत्रण की तौर पर नहीं वरन योजनाबद्ध तरीके से लोहा ले। पढ़िये डॉ सुनील दीपक की आमुख कथा।