गृहिणियाठचरà¥à¤šà¤¾ में मशगूल थीं। कà¥à¤› उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ थीं। कà¥à¤› अतिउतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤à¥¤ कà¥à¤› हरà¥à¤·à¤¾à¤¤à¤¿à¤°à¥‡à¤• से मसà¥à¤¤ थीं। कà¥à¤› थोड़ी दà¥à¤ƒà¤–ी à¤à¥€ थीं। बाकी à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ थीं – हà¤à¤¸à¤¾ जाठया रोया जाà¤, खà¥à¤¶ हà¥à¤† जाठया दà¥à¤ƒà¤–ी हà¥à¤† जाà¤à¥¤ बात à¤à¥€ गरà¥à¤®à¤¾à¤—रà¥à¤® थी। गृहिणियों को à¤à¥€ क़ानूनन सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• दिन छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ मिलने की बात थी। पूरे दिन की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ – घर के काम से सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में à¤à¤• दिन पूरी छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€à¥¤ हर सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¥¤ हर माह। माह में चार दिन। साल में पूरे बावन दिन – सालों साल। छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ का नाम न जानने वाली गृहिणियों के लिठà¤à¥€ ढेर सारी छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤à¥¤
उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ गृहिणियों में से à¤à¤• ने कहा – "अब पता चलेगा मरà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को। अà¤à¥€ तक हमारे काम की कोई गिनती नहीं होती थी। हमारे काम की कोई कीमत नहीं लगाई जाती थी। सà¥à¤¬à¤¹ सबसे पहले उठो और रात को सबके बाद सोओ, दिन à¤à¤° खटो, परंतॠफिर à¤à¥€ कोई कà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¿à¤Ÿ नहीं। मरà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को देखो – सà¥à¤¬à¤¹ आठबजे शान से उठेंगे, मà¥à¤à¤¹ धोकर अख़बार का कोना-कोना बाचेंगे, चाय-नाशà¥à¤¤à¤¾ करेंगे, अपनी आठघंटे का नौकरी-धंधा-पानी बजा लाà¤à¤‚गे फिर रात में खा पीकर खरà¥à¤°à¤¾à¤Ÿà¥‡ à¤à¤°à¥‡à¤‚गे। ये मरà¥à¤¦ अपने काम से सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ में बिला नागा à¤à¤• दिन छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ à¤à¥€ मनाते हैं तो खा-पीकर गपà¥à¤ª मारते हैं, कहीं खेलने या किसी से मिलने चले जाते हैं, सोते हैं या दिन à¤à¤° टीवी देखते रहते हैं। अब हमें à¤à¥€ छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ मिलेगी तो उस दिन के काम को जब ये संà¤à¤¾à¤²à¥‡à¤‚गे तो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पता चलेगा कि गृहिणियों को कितना काम करना होता है। दाल रोटी कैसे बनती है, और बरà¥à¤¤à¤¨-कपड़े कैसे धà¥à¤²à¤¤à¥‡ हैं। आटे दाल के सही à¤à¤¾à¤µ पता चल जाà¤à¤à¤—े इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚।"
हरà¥à¤·à¤¾à¤¤à¤¿à¤°à¥‡à¤• में मगन गृहिणियों में से à¤à¤• ने कहा- “सचमà¥à¤š मजा आ गया। अब तक इस बारे में किसी ने सोचा ही नहीं था। ठीक है कि घर के काम के लिठनौकर-नौकरानियाठà¤à¥€ होती हैं, परंतॠउन पर नज़र रखने और ढंग से काम लेने का टेनà¥à¤¶à¤¨ अब छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ के दिन नहीं रहेगा। चलो फिर कà¥à¤› रचनातà¥à¤®à¤• काम कर सकेंगे। मैंने तो पूरे साल à¤à¤° का पà¥à¤²à¤¾à¤¨ बना लिया है कि हर छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ को कà¥à¤¯à¤¾-कà¥à¤¯à¤¾ करना है।”
छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ के नाम से घबराई à¤à¤• ने कहा- “छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ की बात सà¥à¤¨à¤•र तो मेरे हाथ-पाà¤à¤µ फूल रहे हैं। मेरे उनको तो गैस जलाना à¤à¥€ नहीं आता, फिर उनको सà¥à¤¬à¤¹ की चाय कौन देगा? हमारे बचà¥à¤šà¥‡ बाहर का खाना या नौकरानी की बनाई दाल-सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤ तो किसी सूरत खा नहीं पाते। उनका कà¥à¤¯à¤¾ होगा? फिर मà¥à¤à¥‡ तो दो मिनट à¤à¥€ खाली बैठना नहीं सà¥à¤¹à¤¾à¤¤à¤¾à¥¤ छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ के दिन खाली बैठकर करूंगी कà¥à¤¯à¤¾? आप कहेंगे अपना शौक पूरा करो। रेडियो सà¥à¤¨à¥‹, टीवी देखो। तो à¤à¤ˆ मेरा शौक है अचà¥à¤›à¥‡-अचà¥à¤›à¥‡ पकवान बनाना, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पति-बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¥‡à¤® से खिलाना। और रेडियो – टीवी तो चावल चà¥à¤¨à¤¤à¥‡, आटा मांडते और सबà¥à¤œà¥€ में छौंक लगाते ही देख सà¥à¤¨ सकते हैं तो उसके लिठछà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ की कà¥à¤¯à¤¾ दरकार? मेरे लिठतो मेरे बचà¥à¤šà¥‡ और मेरा घर ही सबकà¥à¤› है। पति को काम करते देख तो मà¥à¤à¥‡ रà¥à¤²à¤¾à¤ˆ आ जाà¤à¤—ी। उनकी तबीयत तो पहले ही थोड़ी नासाज रहती है। मेरे से तो देखा ही नहीं जाà¤à¤—ा। पता नहीं किस निषà¥à¤ à¥à¤° ने यह क़ानून बनाया है। मैं खाली बैठी रही तो मà¥à¤à¥‡ तो बà¥à¤–ार चढ़ जाà¤à¤—ा- हाथ पैरों में पीड़ा होने लगेगी।”
कनफ़à¥à¤¯à¥‚जà¥à¤¡ गृहिणियों में से à¤à¤• ने कहा- “हमारी किसी सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ के दौरान पति या बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तबीयत नासाज हो गई तो उस दिन फिर कà¥à¤¯à¤¾ होगा? अगर à¤à¤¸à¥‡ किसी दिन हमें काम करना पड़े तो उसकी à¤à¤°à¤ªà¤¾à¤ˆ कैसे होगी? सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ के दिन कà¥à¤¯à¤¾ करना है और कà¥à¤¯à¤¾ नहीं करना है इसकी कà¥à¤¯à¤¾ परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ रखी गई है? जैसे अपना à¤à¥‚खा बचà¥à¤šà¤¾ à¤à¥‚ख से दूध के लिठबिलबिला रहा हो और पतिदेव बाथरूम में हों तो उसे दूध देकर हम अपनी छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ बरबाद तो नहीं कर लेंगे? क़ानून तो अà¤à¥€ बन रहा है। हमारे पिछले गà¥à¤œà¤°à¥‡ सालों की छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का कà¥à¤¯à¤¾ हिसाब होगा? कà¥à¤¯à¤¾ छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नक़दीकरण हो सकेगा? कà¥à¤¯à¤¾ सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• अवकाश के साथ साथ आकसà¥à¤®à¤¿à¤• / अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ अवकाश के à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ रखे गठहैं? फिर हमें हमारी छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ सही ढंग से दी जा रही है कि नहीं इसका हिसाब कौन रखेगा? कà¥à¤¯à¤¾ इसके लिठकोई इंसपेकà¥à¤Ÿà¤° पदसà¥à¤¥ किया जाà¤à¤—ा? और जो जà¥à¤°à¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¾ घर के मà¥à¤–िया पर इन छà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की धांधली करने के फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प लगाया जाà¤à¤—ा वह à¤à¥€ तो हमारे अपने घर से ही तो जाà¤à¤—ा।”
चरà¥à¤šà¤¾ जारी थी। मगर कà¥à¤¯à¤¾ आपको अंदाजा है कि आपके परिवार की गृहिणी ने चरà¥à¤šà¤¾ में कà¥à¤¯à¤¾ कहा था?