हास्य व्यंग्य के किंग: समीर लाल
By अनूप शुक्ला | February 9th, 2007 | Category: कच्चा चिट्ठा | 9 comments
मार्च 2006 में इन्होंने हिन्दी चिट्ठाकारी की शुरुआत की और देखते ही देखते सबके मन को भा गये। कविता, कुंडलियाँ, त्रिवेणी और मुंडलिया, सबमें इनकी सहज गति है। सहज, मनलुभावन गद्य इनके लेखन का प्राणतत्व है। कच्चा चिट्ठा में इस बार बमार्फ़त अनूप शुक्ला भेंट कीजिये उड़नतश्तरी के लेखक समीरलाल से। »