वाह वाह रामजी!
By निरंतर पत्रिका दल | February 10th, 2007 | Category: समस्या पूर्ति | 6 comments
समस्या पूर्ति निरंतर का ऐसा स्तंभ है जिसमें दिये हये चित्र और शीर्षक पर एक छोटी सी कविता लिखनी होती है। कविता ज्यादा बड़ी न हो तो अच्छा, चार लाईना हो तो उत्तम, हाइकू हो तो क्या कहनें! तो क्या आप तैयार हैं भाग लेने के लिये? »