लड़कर वही निर्मल ज़माना लाना होगा
February 9, 2007 |
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पर्यावरणविद् व चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा पिछले दिनों जनशिक्षण मंच में पर्यावरण विषय पर व्याख्यान देने रतलाम आये। इस अवसर पर निरंतर के लिए पर्यावरण न अन्य विषयों पर रविशंकर श्रीवास्तव ने उनसे बातचीत की। संवाद में प्रस्तुत है उसी वार्तालाप के अंश।
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आस्था की तुष्टि से संतोष मिलता है
May 23, 2005 |
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रात के बाद सबेरा होता है या सबेरे के पहले रात? आजकल हसीनों में शर्मोहया क्यों नहीं है? पूजा के समय भगवान को प्रसाद व भोग चढ़ाया जाता है, यह जानते हुये भी कि अंतत: खाना इन्सान को ही है। आखिर क्यों? ऐसे ही टेड़े सवालों के मेड़े जवाब दे रहे हैं हाजिर जवाब फुरसतिया!
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जादुई तकनीक का वामनावतारः आईफ़ोन
February 9, 2007 |
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जनवरी में एप्पल ने कैमरा फ़ोन, पीडीए, मल्टीमीडिया प्लेयर व बेतार संचार प्रणाली से लैस आईफ़ोन के आगमन का शंखनाद किया। नये स्तंभ टेक दीर्घा में ईस्वामी जानकारी दे रहे हैं इस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की जिसकी "एक क्रांतिकारी और जादुई उत्पाद" के रूप में हर तरफ चर्चा है।
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ट्रैफ़िक जाम और सपने
August 1, 2005 |
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सारांश में इस बार एक महिला लेखिका के प्रथम उपन्यास के अंश प्रकाशित करते हुए हमें हर्ष है। सामयिक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सुषमा जगमोहन के इस प्रयास "ज़िंदगी ई-मेल" का 28 जुलाई, 2005 को दिल्ली में विमोचन हुआ। सुषमा पेशे से पत्रकार हैं और उनकी रचनायें हंस, मधुमती व सखी जैसी पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं।
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सामुदायिक प्रयत्नों के पसीने का प्रताप
June 1, 2005 |
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निरंतर का यह अंक वर्डप्रेस विशेषांक है। इस विशेषांक के जरिए हमारा प्रयास है कि हम वर्डप्रेस से संबंधित जानकारी रोचक तरीके से प्रस्तुत करे साथ ही आपको इस उत्पाद की सफलता के नेपथ्य में निहित सामुदायिक प्रयत्नों के पसीने की महक आप तक पहूँचा सके।
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मोहे गोरा रंग दई दे
July 1, 2005 |
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गोरेपन की क्रीम बेतहाशा बिकती है. स्वास्थ्य पर इसके विपरीत प्रभावों तथा विज्ञापनों को शानदार पति व करियर का जरिया बताने पर आपत्ति उठती रही है. चारूकेसी तफ्तीश कर रही हैं गोरेपन के उत्पादों के काले पक्ष की.
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सईदन बी – भाग 2
July 1, 2005 |
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जब बड़े इंसानों ने धर्म की परिकल्पना की होगी तो शायद पावन उद्देश्य रहा होगा, मेरा कुनबा, एक ख्याल लोग, मेरा समूह साथ रहे तो रोजी रोटी अच्छी कटेगी। फिर लोगों ने धर्म से प्यार हटा कर स्वार्थ जोड़ दिया और परिदृश्य बदल गया। पढ़ें देबाशीष की कहानी का दूसरा और अन्तिम भाग।
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टेक्नोराती नये रूप में
July 1, 2005 |
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एक और नया ब्लॉग एग्रीगेटर, टेकनोराती का नया सलोना रूप, ब्लॉगरों के लिये कानूनी गाईड और माईक्रोसॉफ्ट ने ब्लॉग पर लगाई सेंसर की बाँध. ये तथा अन्य ताजा खबरें सारे ब्लाग संसार से हमारे नियमित स्तंभ हलचल में.
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मिर्जा ने झेला रैबिट फूड
July 1, 2005 |
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डाक्टर की सलाह पर मिर्जा की बेगम ने छुट्टन को हुक्म सुनाया कि अब साहब को सिर्फ सलाद खिलाया जायेगा। पर मिर्जा जी तो हैरीसन फोर्ड की नाई इस रैबिट फूड को न खाने की जिद कर चुके थे। पढ़िये अतुल अरोरा का लिखा प्रहसन।
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